बीकानेर, (samacharseva.in)। पर्युषण पर्वाधिराज पर अपने-अपने घरों में रहकर करेंगे उपासना व त्याग, आचार्य श्री महाश्रमण जी सहित जैन समाज के सभी संघो के आचार्य भगवंतों ने अपने-अपने अनुयायियों को कहा है कि वे पर्युषण पर्वाधिराज पर अपने अपने घरों में रहकर उपासना व त्याग करें। आचार्य भगवंतों के इस आव्हान पर जैन समाज के लोगों ने पर्युषण पर्वाधिराज को घर पर रहकर ही त्याग व तपस्या के माध्यम से मनाने का निर्णय लिया है।
जैन महासभा के अध्यक्ष जैन लूणकरण छाजेड़ ने बताया कि संवत्सरी महापर्व के दिन सभी जैनी लोग उपवास करतें हैं। संवत्सरी महापर्व के अगले दिन क्षमापना दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने बताया कि सभी संघो के आचार्य भगवंतों ने अपने अपने अनुयायियों से सरकारी नियमों व गाइड लायन की पालना अवश्य करने को कहा है। छाजेड ने बताया कि श्वेताम्बर परम्परा में अधिकांशतया 15 अगस्त से व एकसंघ में 16 अगस्त से पर्युषण पर्व प्रारम्भ होंगे। संवत्सरी महापर्व 22 अगस्त व 23 अगस्त को होगा।
जैन महासभा के महामंत्री सुरेंद्र जैन ने बताया कि दिगम्बर समाज का दसलक्षण पर्व 23 अगस्त को प्रारम्भ होगा व 1 सितम्बर को अनन्त चतुर्दशी के दिन उनका सवत्सरी महापर्व माने जायेगा। तेरापंथी सभा के मंत्री अमरचंद सोनी ने बताया की 15 अगस्त को खाध संयम दिवस, 16 अगस्त को स्वाध्याय दिवस, 17 अगस्त को सामयिक दिवस, 18 अगस्त को वाणी संयम दिवस, 19 अगस्त को अणुव्रत चेतना दिवस, 20 अगस्त को जप दिवस, 21 अगस्त को ध्यान दिवस, 22 अगस्त को संवत्सरी महापर्व, 23 अगस्त को क्षमापना दिवस के रूप में आयोजित करने का निर्देश आचार्य श्री महाश्रमण जी ने दिए हैं।
उसी अनुरूप सभी लोग अपने अपने घरों में रहकर उपासना व त्याग करें। उन्होंने बताया कि अभी बहुत जनों के तपस्या का क्रम जारी है। सोनी ने बताय कि प्रतिदिन आचार्य श्री महाश्रमण जी का व्याख्यान पारस चैनल पर टीवी में प्रातः 10 से 11 बजे तक सुना व देखा जा सकता है तथा संवत्सरी महापर्व के दिन प्रातः 10 से सायं 3 बजे तक व्याख्यान सुना जा सकता है। प्रतिदिन किया जाने वाला प्रतिक्रमण सभी लोग यथासंभव अपने अपने घरों में करें।
