बीकानेर में नई औद्योगिक इकाइयों की स्थापना की आवश्यकता
बीकानेर, (समाचार सेवा)। जिले में नई औद्योगिक इकाइयों की स्थापना की वर्तमान में जरूरत महसूस की जा रही है, विभिन्न संगठनों द्वारा अलग-अलग क्षेत्रों में औद्योगिक इकाइयों की मांग कर रहे हैं। अतः नगर विकास न्यास और नगर निगम अपने-अपने क्षेत्र में नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने की संभावना तलाने साथ ही निजी कॉलोनाइजर द्वारा औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने के लिए भी स्थानीय स्तर पर जो कॉलोनाइजर हैं उनके साथ औद्योगिक इकाइयों के प्रतिनिधियों की एक बैठक करें तथा निजी क्षेत्र में भी इकाईयों की स्थापना की संभावनाएं भी देखें।
यह बात जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम ने
शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभागार में विवाद एवं शिकायत निवारण तंत्र के अंतर्गत गठित
जिला स्तरीय समिति की बैठक में कही।
गौतम ने कहा
कि जिला मुख्यालय सहित जिले की नोखा, श्रीडूंगरगढ़ और नापासर में भी औद्योगिक क्षेत्र
विकसित किए जाने की आवश्यकता है, ऐसे में क्षेत्रीय प्रबंधक रीको स्थानीय राजस्व
अधिकारियों के साथ मिलकर इन तीनों स्थानों पर छोटे-छोटे औद्योगिक क्षेत्र विकसित
करने के बारे में अगले 15 दिन में रिपोर्ट बनाकर प्रस्तुत करें।
साथ ही यह भी देखें कि जहां औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जाने प्रस्तावित हों, वहां पानी, बिजली और यातायात की व्यवस्था बेहतर रहे। उन्होंने सदस्य सचिव एवं महाप्रबंधक उद्योग केन्द्र से कहा कि जिला मुख्यालय से लगते गजनेर में औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया जा रहा है, इसमें एक हजार 51 भूखंड निश्चित किए गए हैं और जल्द ही यहां उद्योग स्थापित करने की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान कर दी जाएगी। ऐसे में महाप्रबंधक स्थानीय उद्योगपतियों से मिलकर यहां फंड के बारे में बातचीत कर संपूर्ण कार्य विवरण बनाकर प्रस्तुत करें, ताकि जल्द से जल्द औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया जा सके।
जिला कलक्टर ने कहा कि बीकानेर में ड्राईपोर्ट स्थापना की संभावना भी तलाशें। कानासर के पास अगर फीजिबल हो तो यहां ड्राईपोर्ट हो सकता है, इसके लिए उद्योग संघ के अध्यक्ष डीपी पच्चीसिया, वूलन मिल के कमल कल्ला और घेवर चंद मुशर्रफ तीनों पदाधिकारी ड्राईपोर्ट की संभावना के बारे में प्रस्ताव बनाकर महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र को दें, ताकि अगली कार्रवाई करने के लिए प्रशासनिक स्तर पर कोई निर्णय लिया जा सके। उन्होंने कहा कि उद्योग संघ के पदाधिकारियों और उद्योग विभाग के अधिकारी रिपोर्ट बना लेने के बाद मंडल रेल प्रबंधक बीकानेर के साथ एक बैठक आयोजित की जाएगी।
इस बैठक में ड्राईपोर्ट की स्थापना की संभावनाओं को तलाश कर जल्द ही अमलीजामा पहनाने के लिए विचार विमर्श होगा। विवाद एवं शिकायत निवारण तंत्र के अंतर्गत गठित जिला स्तरीय समिति की बैठक में वूलन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष कमल कल्ला ने कहा कि ईएसआई हॉस्पिटल की स्थापना पूगल रोड पर की जाए ताकि यहां आस-पास के श्रमिकों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो सके।
जिला कलक्टर ने नगर विकास न्यास के सचिव को निर्देश दिए कि अधिकारियों से संपर्क अस्पताल के निर्माण की कार्रवाई की जाए और ईएसआई के लिए जो भूमि आवंटित की जाती है, वह डीएलसी रेट से कम मूल्य पर उन्हें उनकी मांग के अनुसार 8 से 10 बीघा भूमि उपलब्ध करवाई जाए। उन्होंने कहा कि चकगर्बी में अगर भूमि उपलब्ध हो तो यहां भी औद्योगिक इकाई की स्थापना की जा सकती है। इसके लिए तहसीलदार, न्यास के अभियंता और डीपी पच्चीसिया तथा कमल कल्ला संयुक्त रूप से भ्रमण कर भूमि की उपयोगिता तथा अन्य सुविधाओं के बारे में संपूर्ण तथ्य उपलब्ध करवा कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें, जिससे चकगर्बी क्षेत्र में औद्योगिक क्षेत्र बनाया जा सके।
बैठक में आयुक्त नगर निगम डॉ दीप के गवांडें, भारतीय प्रशासनिक सेवा के प्रशिक्षु अधिकारी अभिषेक सुराणा, उद्योग केन्द्र की महाप्रबन्धक मन्जू नैण गोदारा, डी पी पचीसिया, घेवर चन्द मशर्रफ, विद्युत एवं जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग सहित अन्य जिला स्तरीय अधिकारीगण उपस्थित थे।
बीकेसीएल द्वारा अनावश्यक किया जा रहा है परेशान
बैठक में वूलन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष कमल कल्ला ने कहा कि बीकेईएसएल कंपनी द्वारा बिजली चोरी रोकने तथा मीटर खराब होने की बात पर आम जनता और व्यापारियों को जानबूझकर परेशान कर रहा है। एसोसिएशन के अध्यक्ष ने बताया कि बीकेईएसएल की विजिलेंस टीम द्वारा जो कार्य प्रणाली अपनाई जा रही है वह बिल्कुल भी तर्कसंगत नहीं है, कंपनी जब भी विजिलेंस के लिए जाए तो जोधपुर विद्युत वितरण निगम के अभियंता भी साथ रहने चाहिए। ऐसे निर्देश राज्य सरकार द्वारा भी कंपनी को दिए गए हैं, लेकिन उसकी भी पालना नहीं होती है।
वर्तमान में जो मीटर बदले गए हैं वह भी नियम विरुद्ध थे। इस पर जिला कलक्टर ने बीकेसीएल के अधिकारी को निर्देश दिए कि बीकेईएसएल के साथ सरकार ने जो एम ओ यू किया है उसकी पालना सुनिश्चित की जाए। साथ ही उपभोक्ताओं को विश्वास दिलाया जाए कि किसी भी स्थिति में उन्हें परेशान नहीं किया जाएगा, उनके बिल वाजिब आएंगे, अगर तकनीकी खराबी से बिल अधिक आता है तो उसे ठीक करवाया जाना कम्पनी की जिम्मेदारी होगी। साथ ही कम्पनी के अधिकारी समय-समय पर आम उपभोक्ताओं से संवाद स्थापित कर यह विश्वास भी दिलाएंगे कि कम्पनी किसी के भी साथ कोई ऐसा व्यवहार नहीं करेगी जिससे बीकानेर के लोगों में कम्पनी के प्रति असंतोष पैदा हो।
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