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राष्ट्र की संस्कृति के उन्नयन में नवसंवत्सर का विशेष महत्व :  डॉ. मेघना शर्मा

NEERAJ JOSHI बीकानेर, (समाचार सेवा)। महाराजा गंगासिंह विश्‍वविद्यालय (एमजीएसयू) बीकानेर की अधिष्ठाता छात्र कल्याण अखिल भारतीय साहित्य परिषद की एमजीएसएयू इकाई की अध्‍यक्ष डॉ. मेघना शर्मा ने कहा कि राष्ट्र की संस्कृति के उन्नयन में नवसंवत्सर का विशेष महत्व है।

डॉ. मेघना शुक्रवार को विवि परिसर में चैत्र प्रतिपदा नवसंवत्सर समारोह को कार्यक्रम अध्‍यक्ष के रूप में संबोधित कर रही थीं। उन्‍होंने कहा कि ऐसे आयोजन राष्ट्र की संस्कृति के उन्नयन में उपयोगी होते हैं। इतिहास विभाग की शोधार्थी व मुख्य वक्ता पूनम चौधरी ने कहा कि महाराज विक्रमादित्य द्वारा आरंभ तिथिक्रम से हिंदू नववर्ष मनाया जाता है जो प्राकृतिक चक्रों के अनुरूप होता है।

Navsanvatsar-has-special-importance-in-uplifting-the-culture-of-the-nation-Dr.-Meghna-Sharma-300x163 राष्ट्र की संस्कृति के उन्नयन में नवसंवत्सर का विशेष महत्व :  डॉ. मेघना शर्मा

अन्य वक्ता शोधार्थी रीना यादव ने विद्यार्थियों को बताया कि महर्षि दयानंद सरस्वती की पुस्तक सत्यार्थ प्रकाश में सृष्टि की उत्पत्ति की सटीक गणना बताई गई है। अतिथि शिक्षक तुलछाराम ने विद्यार्थियों को राजस्थान के स्थापना दिवस से जोड़ते हुए नववर्ष का महत्व समझाया। स्वागत भाषण इतिहास विभाग की अतिथि शिक्षक डॉ. रिंकू जोशी ने दिया।

समारोह में रामोवतार उपाध्याय व विद्यार्थीदल में शिवलाल सियाग, पंकज चौधरी, दीपक जाखड़, पप्पू सिंह, चतर नाथ सिद्ध, रुद्राक्ष गहलोत, अनुराग जादूसंगत आदि शामिल रहे तो गैर शैक्षणिक वर्ग से तेजपाल भारती,  बजरंग कलवानी, उमेश पुरोहित भी कार्यक्रम का हिस्सा बने। समारोह का संचालन जसप्रीत सिंह ने किया।

अतिथि शिक्षक खुशाल पुरोहित ने आभार जताया। आयोजन में विभिन्न विभाग के विद्यार्थियों ने राष्ट्रभक्ति से ओत प्रोत विचार प्रस्तुत किए। इससे पूर्व मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलन के साथ समारोह का शुभारंभ हुआ।

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