नाबार्ड प्रबंधक ने कहा
बीकानेर की
पहचान है उस्ता कला तथा मथेरन कला
बीकानेर, (समाचार सेवा)। राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक(नाबार्ड) की संयुक्त ऋण योजना 2020-21 का विमोचन मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिला स्तरीय समन्वय समिति की बैठक के दौरान कलक्टर कुमार पाल गौतम ने किया। बैठक में आरबीआई से सहायक महाप्रबंधक ए.के. तिवारी, नाबार्ड के जिला प्रबंधक रमेश ताबियार, डीएलएम योगेन्द्र सिंह सोलंकी, उद्योग केन्द्र की महाप्रबंधक मंजू नैण गोदारा सहित सभी बैंक प्रतिनिधि उपस्थित थे।
बैठक में नाबार्ड के प्रबंधक ने कहा कि बीकानेर की पहचान उस्ता कला तथा
मथेरन कला है। इसे आगे बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाए तथा
दोनों ही कलाओं को पहचान दिलाने के लिए जी. आई. रजिस्ट्रेशन (भौगोलिक संकेतक) के
लिए नाबार्ड वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाएगा। बैठक में कलेक्टर कुमार पाल
गौतम ने कहा कि सरकार द्वारा प्रायोजित सभी योजनाओं में पात्र व्यक्तियों को
रोजगार परक ऋण आवेदन पत्रों का निस्तारण शीघ्रता से करें।
कलक्टर ने बैंक के अधिकारियों से कहा कि
किसान क्रेडिट कार्ड के रूप में जो राशि स्वीकृत की जाती है उसका प्रचार-प्रसार भी
बेहतर तरीके से किया जाए। बैठक में पोप योजना
और प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम की समीक्षा के दौरान कहा कि जो आवेदन पेंडिंग है, उन अभ्यर्थियों को 31 दिसम्बर तक ऋणस्वीकृत किया जाए। जिला कलक्टर ने कहा
कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का प्रीमियम 31 दिसंबर तक अनिवार्य
रूप से किसानों के खाते से काटकर बीमा कंपनी को भेजा जाए।
कलक्टर ने वार्षिक साख योजना 2019-20
की समीक्षा भी की। बैठक में आर सेटी
द्वारा बेरोजगार युवाओं को रोजगार परक प्रशिक्षण कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए
उन्होंने कहा कि इस सेन्टर से जिन्होंने प्रशिक्षण प्राप्त किया है, उन्हें रोजगार मिला है या नहीं इसकी रिपोर्ट तैयार की जाए।