बीकानेर। विधार्थी हित में कृषि विवि व एमजीएस विवि के बीच हुआ एमओयू
बीकानेर, (samacharseva.in)। विधार्थी हित में कृषि विवि व एमजीएस विवि के बीच हुआ एमओयू, महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय, बीकानेर के कुलपति प्रो. विनोद कुमार सिंह ने शनिवार को स्वामी केशवानन्द राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय, बीकानेर के कुलपति प्रो. आर.पी. सिंह से मुलाकात की। दोनों विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने विश्वविद्यालयों के विकास की गतिविधियों को साझा करते हुए एक एम.ओ.यू. सम्पादित किया है।
इसके तहत महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय बीकानेर परिसर को हरा-भरा बनाने के लिये कृषि विश्वविद्यालय बीकानेर द्वारा सहयोग प्रदान किया जाएगा। साथ ही महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय द्वारा अन्य गतिविधियों में कृषि विश्वविद्यालय का सहयोग प्रदान किया जाएगा। एम. ओ. यू. में दोनो संस्थाओं द्वारा किये जाने वाले कार्यो की प्राथमिकता तय करते हुए योजना बनाई गई।
एसकेआरएयू के कुलपति प्रो. सिंह ने बताया कि दोनों संस्थानों के संसाधनों का समुचित उपयोग विद्यार्थी हित में करने के उद्देश्य से दोनों विश्वविद्यालयों के बीच एमओयू किया गया। महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनोद कुमार सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा कृषि पर आधारित पाठ्यक्रम प्रारम्भ किए जाएंगे। इस दौरान बागवानी विशेषज्ञ डॉ. इंद्र मोहन वर्मा, विशेषाधिकारी इंजी. विपिन लढ्ढा, एमजीएसयू के कमल कांत शर्मा मौजूद रहे।
गुसाईसर में सात दिवसीय प्रशिक्षण प्रारम्भ
बीकानेर, (samacharseva.in)। स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय द्वारा यूनिवर्सिटी सोशल रिसपोंसबिलिटी के तहत गोद लिए गए गुसाईंसर गांव में ‘ग्रामीण महिलाओं में सिलाई के माध्यम से उद्यमिता विकास’ विषयक सात दिवसीय प्रशिक्षण शनिवार को प्रारम्भ हुआ।
5 से 12 सितम्बर तक चलने वाले प्रशिक्षण में 35 महिलाएं एवं छात्राएं भाग ले रही हैं। कृषक पृष्ठभूमि की इन महिलाओं को प्रशिक्षण, वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य में एक प्रयास है। राष्ट्रीय कृषि उच्च शिक्षा परियोजना के तहत आयोजित प्रशिक्षण के उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. आर. पी. सिंह थे। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण के दौरान महिलाएं नया हुनर सीखें एवं व्यावहारिक जीवन इसका उपयोग करें। कार्यक्रम में डॉ. एस. के. शर्मा, डॉ. एन. के. शर्मा, डॉ. आर. के. वर्मा, डॉ. नरेन्द्र पारीक, डॉ. दुर्गासिंह, डॉ. सुशील कुमार ने भी विचार रखे।
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