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मूट कोर्ट ने जानलेवा हमले के दो आरोपियों को दी सात वर्ष के कठोर कारावास की सजा

Moot court sentenced seven years of rigorous imprisonment to two accused of murderous attack 15BKN PH-1

रामपुरिया जैन विधि महाविद्यालय के विधार्थियों ने मंचित की फौजदारी मूटकोर्ट

NEERAJ JOSHI बीकानेर (समाचार सेवा) मूट कोर्ट के अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायाधीश बीकानेर करमचन्द टांटिया ने स्टेट बनाम ईसरराम परताराम व अन्य के मामले में मुलजिमान ईसरराम व परता राम को प्राण घातक हमले के एक मामले में दोषी मानते हुए 7 वर्ष के कठोर कारावास तथा पांच हजार रूपये आर्थिक जुर्माने से दण्डित किया।

कोर्ट ने सह-अभियुक्त महिराम के खिलाफ जुर्म साबित न होने पर उसे रिलीज्‍ड किया। इस मामले में स्टेट की और से लोक अभियोजक प्रेमसुख,  तथा एडवोकेट नगमा की ओर से  पैरवी की गई तथा बचाव पक्ष की ओर से पैरवी वकील शिवानी चुरा एवं नाज ने की। यह निर्णय गुरुवार 15 फरवरी को ब.ज.सि रामपुरिया जैन विधि महाविद्यालय के विधार्थियों के द्वारा मंचित फौजदारी मूटकोर्ट के अन्तर्गत स्टेट बनाम ईसरराम परताराम व अन्य में सुनाया गया।

विद्यार्थियों ने निभाई विभिन्‍न पात्रों की भूमिका

मामले को जींवत रूप देने के लिए सभी पात्रों की भूमिका विधि विधार्थियों के द्वारा ही निभायी गयी। इस मूट कोर्ट में जिला एवं सत्र न्यायधीश की भूमिका विद्यार्थी करमचंद टांटियां, प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट छात्रा हंसिनी पुरोहित ने निभाई। मूट कोर्ट में पेशकार नफीसा बानो, स्टेनो सोनीया गिल, सहायक कर्मी दिपेन्द्र सिंह, अभियुक्त गोविन्द व्यास, मुकेष हर्ष, सह अभियुक्त पंकज सुथार, अभियोजन वकील प्रेमसुख एवं नगमा बानो बने।

विषय विशेषज्ञ रहे डॉ. शिवशंकर व्यास  

जबकि बचाव पक्ष के वकील शिवानी चुरा एवं नाज थानाधिकारी संध्याराज चावंरिया, डॉक्टर कलिका चौपडा, गवाह मोहन, मंयक सेवग एवं मनीष सांखला तथा मुस्तगीस जगदीश के रूप में मोहन ने भूमिका अदा की। विषय विशेषज्ञ के रूप में राजकीय विधि महाविद्यालय के सहायक आचार्य डॉ. शिवशंकर व्यास मौजूद रहे।

इन्‍होंने किया सक्रिय सहयोग

उन्‍होंने कहा कि तरह के आयोजन विधि विधार्थियों के हितार्थ आवश्यक है ताकि विद्यार्थी अपना वकालात का पेशा आरम्भ करें तो उन्हें किसी तरह की हिचकिचाहट न रहें।  मूटकोर्ट आयोजन में व्याख्याता सुनीता लुणीया, डॉ. पियुष किराडू, डॉ. सुनीता लुणीया, डॉ. परज सिंघवी, डॉ. बाल मुकन्द व्यास, डॉ. शराफत अली, डॉ. प्रीति कोचर ने सक्रिय सहभागीता की।

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