मंत्री भाटी ने किया “राजस्थानी गद्य गंगा” पुस्तक का लोकार्पण
बीकानेर, (समाचार सेवा)। मंत्री भाटी ने किया “राजस्थानी गद्य गंगा” पुस्तकका लोकार्पण, युवा शोधार्थी डॉ. नमामीशंकर आचार्य द्वारा सम्पादित पुस्तक “राजस्थानी गद्य गंगा” का लोकार्पण शुक्रवार को राजस्थान सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने सर्किट हाउस में किया।
समारोह में उच्च् शिक्षा मंत्री भाटी ने कहा कि “राजस्थानी गद्य गंगा” के माध्यम से महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय (एमजीएसयू) बीकानेर के विधार्थियों को एक ही पुस्तक में राजस्थानी भाषा के आधुनिक रचनाकारों की विभिन्न गद्य विधाएं उपलब्ध हो सकेगी।
समारोह में वक्ताओं ने महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय में स्थायी रूप से राजस्थानी विभाग प्रारंभ किये जाने की आवश्यकता जताई। महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय में राजस्थानी विभाग की प्रभारी डॉ. मेघना शर्मा ने कहा कि डॉ. आचार्य की पुस्तक के प्रकाशित होने से राजस्थानी विषय के स्नातक तृतीय वर्ष के विद्याथियों को लाभ मिलेगा।
डॉ. मेघना ने कहा कि अब वह समय दूर नहीं जब राजस्थानी भाषा को जल्दी ही मान्यता मिलेगी। “राजस्थानी गद्य गंगा” पुस्तक के संपादक डॉ नमामी शंकर आचार्य ने बताया कि इस पुस्तक के प्रकाशन से विश्वविद्यालय में राजस्थानी विषय के स्नातक तृतीय वर्ष के दूसरे प्रश्न पत्र में राजस्थानी के आधुनिक साहित्यकारों की रचनाओं के संकलन को संपादित किया गया है।
समारोह में साहित्य अकादमी नई दिल्ली में राजस्थानी भाषा परामर्श मंडल के संयोजक मधु आचार्य आशावादी, हिन्दी-राजस्थानी के साहित्यकार कवि-कथाकार राजेन्द्र जोशी ने भी विचार रखे।
कार्यक्रम में विप्र फाउण्डेशन के प्रदेश अध्यक्ष भंवर पुरोहित, राजेश चौधरी, सरजीत सिंह, युवराज व्यास, रामोवतार उपाध्याय एवं मुकेश रामावत आदि उपस्थित रहे।
Minister Bhati inaugurated the book “Rajasthani Prose Ganga
Bikaner (Samachar Seva)।. The book “Rajasthani Gadya Ganga” edited by young research scholar Dr. Namamishankar Acharya was inaugurated on Friday by the Higher Education Minister of Rajasthan Government Bhanwar Singh Bhati at the Circuit House.
In the function, Higher Education Minister Bhati said that through “Rajasthani Gadya Ganga”, the students of Maharaja Ganga Singh University (MGSU) Bikaner would be able to make available various prose genres of modern writers of Rajasthani language in a single book.
In the function, the speakers expressed the need to start Rajasthani department permanently in Maharaja Ganga Singh University. In-charge of Rajasthani department of Maharaja Ganga Singh University, Dr. Meghna Sharma said that third year graduate students of Rajasthani subject will be benefitted by the publication of Dr. Acharya’s book.
Dr. Meghna said that now the time is not far when Rajasthani language will be recognized soon. Dr. Namami Shankar Acharya, editor of the book “Rajasthani Gadya Ganga”, told that with the publication of this book, the compilation of works of modern literary writers of Rajasthani has been edited in the second question paper of the third year of Rajasthani subject in the university.
Madhu Acharya Ashadhish, convener of Rajasthani Language Counseling Board at Sahitya Akademi New Delhi, Hindi-Rajasthani poet-story writer Rajendra Joshi also spoke at the function.
State President of Vipra Foundation Bhanwar Purohit, Rajesh Chaudhary, Sarjit Singh, Yuvraj Vyas, Ramotar Upadhyay and Mukesh Ramawat were present in the program.
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