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मिले ना फूल तो कांटो से दोस्ती करली

Panchnamaa21 may 2018

पंचनामा : उषा जोशी

* मिले ना फूल तो कांटो से दोस्ती करली

एक थानेदारज जी के वर्तमान हाल पर यह गाना पूरी तरह फिट बैठता है। साहब पिछले कांग्रेस सरकार के कार्यकाल से कोटगेट थाने पर नजरें गड़ाये बैठे थे। उस समय तो इस महकमे के आला खादीधारी से इनकी सेटिंग बिगड़ जाने से रेंज से बाहर तक जाना पड़ गया था। बाद में थानेदारजी गांव की गलियों के चक्कर लगाते हुए शहर के पास के गांव में थानेदारी करने लगे हैं। अब थानेदार साहब एक बार फिर शहर के सबसे अधिक कमाउ थाने में आने के लिये प्रयास करने लगे हैं। उनकी हार्दिक इच्छा बोले तो दिली तमन्ना यानि कि ख्वाहिश है कि वे एक बार कोटगेट थाने में आ जाए। वैसे थानेदार साहब तब भी शहर के एक आला खादीधारी के खास माने जाते थे मगर सत्ता बदलने के बाद वे भी मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो ना कोय की राग अलापने लग गए हैं। अच्छा थाना पाने के लिये क्या इतना भी नहीं किया जा सकता है क्या, हम कौन होते हैं रोकने वाले, आपको कोटगेट मिल जाए हम भी यही दुआ करते हैं। आमीन।

* थानेदार के घर चोरी चोरों की शामत

एक सीआई साहब जो कि यहां के कई थानों में थानेदारी कर चुके हैं। उनके घर से पिछले दिनों कोई चोर घर की मजबूत खिड़की तोड़कर, उसकी जाली काटकर तथा सीसे उतार कर घर में रखी जमा पूंजी, साड़ियां व गहने ले गया। सुना है सीआई साहब ने चोरी के मामले की एफआईआर तो हलके के थाने में लिखा दी मगर कहा जा रहा है कि उन्होंने चोरी के पूरे सामान की सूची पुलिस को नहीं सौंपी। अब वे अपने साथी थानेदार की मदद से उन सब इलाकों के चोरों को रडार पर ले रहे हैं जिन थानों में वे थानेदारी कर चुके हैं। गंगाशहर के एक परेशान चोर का कहना है कि सीआई साहब हमको बे वजह परेशान कर रहे हैं। हम ने कब का यह काम छोड़ दिया है जबकि वे पिछले तीन दिनों से हमारे घर पर अपना आदमी भेज रहे हैं।

* कभी तो इधर भी लहर आयेगी

ग्रामीण ऐरिया में थानेदारी कर रहे कई थानेदार अब शहर में आने को मचल रहे हैं। हाथ पांव मार रहे हैं। अधिकारियों से भी कह चुके हैं। खादी वालों को भी कह चुके हैं। इनको अभी तक यह आश्वासन मिल रहा है कि तीन एसएचओ हैं जो पॉलिसी में आ चुके हैं चुनाव आयोग के भी निर्देश हैं कि उन्हें जाना है। आईजी जब उनका दूसरे जिले में तबादला करेंगे तो तुम लोगों को सिटी में बुलायेंगे। इन थानेदारों का कहना है कि हम तो अब समुन्द्र किनारे बैठे हैं कभी तो लहर आयेगी। इंतजार में बैठे हैं कि कब लंबे समय से जमे थानेदार लोग जाएं और शहर में थानेदारी करने का हमारा नंबर आये।

* बुकी की बुक में खाकी

शहर के लोग भी अजीब है अभी कोई यह कह गया कि कोटगेट थाना क्षेत्र में जो बुकी पकडे गए थे उनसे मिले मास्टर मोबाइल व सौदे के रजिस्टर में कई खाकीधारियों के नाम व नंबर भी मिले हैं। लोगों का तो यह भी दावा है कि अब आला खाकीधारी बुकियों से महकमे के लोगों के कनेक्शन को दबाने छिपाने की कोशिश में लग गए हैं। बताया जा रहा है कि मास्टर मोबाइल जप्त होने से किक्रेट बुकी के तार कहां कहां जुड़े हैं यह तो पता चल गया है मगर इनमें खाकी के नंबर होने के कारण बड़ी कार्रवाई नहीं की जा रही है।  आला खाकीधारियों ने कई बार मोबाइल व रजिस्टर का रिकार्ड चेक किया तो बुकियों के तार खाकी से भी जुड़े हुए मिले।  कहने वाले चुप नहीं हो रहे यह भी कह रहे हैं कि थानों में ड्यूटी दे रहे कई छोटे पद के खाकीधारी बुकियों को पल पल की सूचना देते रहते हैं। अब बदनामी से बचने के लिये लीपापोती की जा रही है।

* सत्ता की होटल में खाकी का छापा

       सत्ताधारी लोगों की पसंद की एक होटल में इन दिनों हुई पुलिस कार्रवाई से काफी लोग हैरान है। हालांकि यह कार्रवाई सार्वजनिक नहीं की गई मगर खबरनवीसों को इसकी सारी जानकारी मिल गई थी। सुना है सेना वालों ने इस होटल में रुकी कुछ महिलाओं से पूछताछ की थी। जब उनको संतुष्टि हो गई कि इनका उनके किसी मामले से कोई लेना देना नहीं है तो उन्होंने महिलाओं की संदिग्ध गतिविधियों की सूचना स्थानीय पुलिस को दे दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर अपनी कार्रवाई की। होटल वाले की पहुंच ऊंची है इस कारण उसकी होटल का नाम कहीं नहीं आया। हां इस होटल  में सत्ता से सुरक्षा की आस में डेरा डाले कुछ लोग जरूर चुपचाप वहां से खिसक लिये। उनको लगा कि कहीं उनका नंबर ना लग जाए।

(दैनिक नवज्‍योति से साभार)

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