म्हारो हेलो सुणों नी रामा पीर

International bhajan singer Sushil Gopal Bajaj sang, maharo halo sunon ni rama pir
International bhajan singer Sushil Gopal Bajaj sang, maharo halo sunon ni rama pir

International bhajan singer Sushil Gopal Bajaj sang, maharo halo sunon ni rama peer

बीकानेर, (समाचार सेवा)। म्हारो हेलो सुणों नी रामा पीर, अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त भजन गायक हैदराबाद निवासी सुशील गोपाल बजाज बाबा ने रविवार को बीकानेर रामदेवजी के भक्ति गीतों की प्रस्तुति से श्रोताओं को करीब छह घंटें तक भक्ति रस में सराबोर रखा। बीकानेर के उपनगर गंगाशहर में नया बस स्टेण्ड के पास होटल मिलेनियम के प्रेक्षागृह में आयोजित बाबा रामदेवजी की भजन संध्या में कलयुग के अवतारी रामदेवजी के भक्ति गीतों की सुशील की प्रस्तुति से श्रोता मंत्रमुग्‍ध हो गए।

सुशील गोपाल ने बाबा रामदेवजी की जीवन आदर्शों पर आधारित भजन संध्या के साथ भगवान श्रीकृष्ण, नानी बाई के मायरे के प्रसंग के नरसी मेहता की हूंडी, राजस्थानी लोकनृत्य घूमर सहित विभिन्न तर्जों पर आधारित भक्ति गीत, संत नामदेवजी के प्रसंग का भक्ति गीत, बाबा रामदेवजी का संदेश व हेलो गीत सुनाकर श्रोताओं को करतल ध्वनि कर हाथ ऊपर उठाकर नृत्य करने को मजबूर कर दिया। गायक सुशील बजाज ने अपने पिता बाबा रामदेवजी के जम्मा गायक स्वर्गीय गोपाल बजाज बीकानेर में अनेक बार दी गई प्रस्तुतियों का स्मरण दिलाते हुए श्रोताओं की मांग उनके प्रचलित भजनों की प्रस्तुतियां दी।

राजस्थानी व हिन्दी के भजनों से पूर्व भगवान गणपति की वंदना, पिछम धरा सूं म्हारा बाप जी पधारिया, म्हारी हूंडी स्वीकारों सांवरा गिरधारी’’, ’’कन्हैया-कन्हैया पुकारा करेंगे’’ सहित अनेक भजन सुनाकर भक्त गीतों का समां बांध दिया। उनके साथ हैदराबाद से आए पंडित ओम प्रकाश शर्मा ने पूजा व आरती करवाई। पार्थों मुखर्जीने बले प, उपेन्द्र शर्मा उर्फ बाबा भाई ने आर्गन पर, नईम दिलशाद ने बन्जों पर, फय््याज अहमद ने ढोलक पर, कांति भाई ने ढोल पर तथा प्रणब पाल ने ऑक्टोपैड पर संगत की। उनके साथ कन्हैयालाल गुर्जर ने सह गायकी की।

कार्यक्रम संयोजक रामदेव अग्रवाल, हुलास चन्द्र अग्रवाल, सरला देवी, मधु सुदन व संगीता, नरेश व रीतिका, रामदेवजी के सुप्रसिद्ध कथावाचक मूल योगीराज, गड़ियाला गौशाला के प्रभारी सुखदेव रामावत, शंकर सोनी, द्वारका दास राठी और श्याम मोहता आदि ने बाबा रामदेव के भक्तिों ने पूजा, आरती व जोत में भागीदारी निभाई।