महाराजा गंगा सिंह युनिवर्सिटी बीकानेर संपूर्ण डिजिटलाइजेशन की ओर अग्रसर : कुलपति
बीकानेर, (समाचार सेवा)। महाराजा गंगा सिंह युनिवर्सिटी बीकानेर संपूर्ण डिजिटलाइजेशन की ओर अग्रसर : कुलपति, महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय (एमजीएसयू) बीकानेर संपूर्ण डिजिटलाइजेशन की ओर अग्रसर है। जल्द ही युनिवर्सिटी का सारा कामकाज इंटरनेट पर देखा जा सकेगा। इसके साथ ही विश्वविद्यालय प्रशासन डिजिटल इवेल्यूएशन की भी तैयारी कर रहा है।
जिसके तहत परीक्षा कॉपियों को भी इलेक्ट्रोनिक फोर्मेट में जांचकर्ताओं को भेजी जा सके। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनोद कुमार सिंह ने नवज्योति से बातचीत में बताया कि युनिवर्सिटी के संपूर्ण डिजिटलाइजेशन के बाद विवि का सारा आंतरिक व्यवहार भी नेट पर हो सकेगी।
विवि की फाइलें डिजिटल फोर्मेट में तैयार की जाकर इलेक्ट्रोनिक फोर्म में एक से दूसरी टेबल तक जाएगी। विवि के अधिकारी-कर्मचारी विवि में हो या कहीं ओर हों वे उसी स्थान से विवि का प्रशासनिक कार्य कर अपने लेपटॉप से कर सकेंगे।
उन्होंने कहा कि डिजिटलाजेशन से चीजें ट्रांसपेरेंट होंगी। काम तेजी से हो सकेगा। कुलपति प्रो. सिंह ने बताया कि राज्यपाल व विवि के कुलाधिपति भी नेट के माध्यम से विवि की संपूर्ण गतिविधियों का अवलोकन कर सकेंगे।
प्रो. सिंह ने कहा कि विवि के संपूर्ण डिजिटलाइजेशन के साथही विवि प्रशासन डिजिटल इवेल्यूएशन पर भी गंभीर रूप से विचार कर रहा है। इसके तहत परीक्षाओं की कॉपियां भी जांचकर्ताओं को इलेक्ट्रॉनिक फोर्मेट में उपलब्ध कराने पर मंथन किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में विवि प्रशासन कॉपी जांचकर्ताओं को हार्ड कॉपियां भेज रहे हैं। डिजिटल इवेल्यूएशन की प्रक्रिया लागू होने के बाद कॉपियों को इलेक्ट्रानिक फोर्म में भेजा जा सकेगा। इससे ये भी संभव हो सकेगा कि कॉपियां केवल बीकानेर संभाग या राजस्थान के प्रोफेसरों को ही नहीं राज्य के बाहर दिल्ली, हरियाणा और पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश कहीं से भी जहां प्रोफेसर उपलब्ध होंगे उनसे भी कॉपी जांच करवा लें।
विवि में वर्तमान में परीक्षा नियंत्रक की नियुक्ति तथा बोर्ड आॅफ स्टडीज व डीन फैकल्टी के गठन के बाद उठ रे विरोध के स्वरों के बारे में कुलपति प्रो. सिंह ने कहा कि विवि में सभी कार्य नियमों के तहत ही किए जा रहे हैं। परीक्षा नियंत्रक की नियुक्ति के लिये सरकार को लिखा गया था।
हमें 2021 की परीक्षाएं करवानी थी। सरकार से समय पर परीक्षा नियंत्रक की नियुक्ति नहीं होने पर बाद में विवि प्रशासन ने प्रो. राजाराम चोयल को परीक्षा नियंत्रक बनाया। आज भी प्रो. चोयल ही परीक्षा नियंत्रक हैं। वही रहेंगे।
पढ़ाई बीच में छोड़ने वाले विद्यार्थियों से भी करेंगे संपर्क
कुलपति प्रो. सिंह ने बताया कि वर्तमान में विश्विद्यालय की एडमिशन पॉलिसी क्या होगी इसे तय करने के लिये एक कमेटी का गठन किया गया है। उन्होंने बताया कि बुधवार को ही इस संबंध में विवि फैकल्टीज के साथ बैठक की गई।
उन्होंने बताया कि बैठक में इस बात पर भी चर्चा की गई कि अनेक छात्र विवि के विभिन्न कोर्सेस में प्रवेश लेने के बाद बाद में बीच में पढ़ाई छोड़ देते हैं। ऐसे छात्रों के बारे में भी जानकारी कर पढ़ाई छोड़ने के कारणों का पता लगागर संभव तो उन कारणों को दूर करने का प्रयास किया जाएगा।
कोविड संकट में सहयोग देने पर सीएम ने की तारीफ
कुलपति ने बताया कि कोविड संकट के दौरान बीकानेर के पीबीएम अस्पताल में आवश्यक चिकित्सा उपकरण उपलब्ध कराने के लिये विवि प्रशासन की ओर से स्वीकृत की गई एक करोड़ रुपये की राशि के सहयोग पर मुख्यमंत्री सहित अनेक मंत्रियों व विधायकों ने प्रशंसा की।
कुलपति ने बताया कि जब बीकानेर में कोविड मरीजों की डेथ रेट अधिक हो गई थी, ऑक्सीजन कोंस्ट्रेटर व वेंटीलेटर की कमी थी तब विवि प्रशासन ने भी पीबीएम अस्पताल को एक करोड़ रुपये की मदद की।
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