संपर्क प्रकरणों के निस्तारण में बीकानेर प्रशासन का ढुलमुल रवैया

Leisure attitude of Bikaner administration in disposal of contact cases
Leisure attitude of Bikaner administration in disposal of contact cases

अधिकारी-कार्मिकों की ढिलाई पर कलक्टर भगवती प्रसाद ने जताई कड़ी नाराज़गी

NEERAJ JOSHI बीकानेर, (समाचार सेवा) संपर्क प्रकरणों के निस्तारण में बीकानेर प्रशासन का ढुलमुल रवैया, जनता की समस्‍याओं के निराकरण में बीकानेर प्रशासन का करेक्‍टर ढीला ही साबित हो रहा है।

नगर निगम, जोधपुर विधुत वितरण निगम लिमिटेड (जेवीवीएनएल), पीडब्ल्यूडी, आरयूआईडीपी, वन विभाग ने तो संपर्क पोर्टल पर रजिस्‍टर हुए प्रकरणों को निस्‍तारित करने में घोर उदासीनता दिखाने की ठान रखी है।

कलेक्ट्रेट सभागार में बुधवार को सम्पर्क पोर्टल के निस्तारित प्रकरणों की समीक्षा के दौरान संपर्क के प्रगति के आंकड़े देखकर कलक्‍टर भगवती प्रसाद कलाल का पारा हाई रहा।

बैठक में कलक्टर ने कहा कि गत कुछ समय  में संपर्क पोर्टल के प्रकरणों के निस्तारण के संबंध में जिला स्तरीय अधिकारियों की परफॉर्मेंस खराब हुई है।

हद तो यह भी है कि जिला प्रशासन की बार बार हिदायत के बावजूद लेवल 2 से लेवल 3 पर 77 प्रकरण एस्केलेट हुए हैं। कलक्‍टर कलाल ने लापरवाही बरतने पर लेवल 2 के अधिकारियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई करने, 60 दिन से पुराने 20 प्रकरण लंबित होने पर ईओ डूंगरगढ़ को भी चार्जशीट जारी करने की बात कही।

विभागवार समीक्षा करते हुए कलक्टर ने कहा कि निगम, जेवीवीएनएल, पीडब्ल्यूडी, आरयूआईडीपी, वन विभाग द्वारा स्पष्ट रूप से उदासीनता का परिचय दिया गया है। सभी अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा।

सम्पर्क पोर्टल पर प्रकरणों का समयबद्ध व गुणवत्तापरक निस्तारण नहीं होने पर कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने ब्लाक व जिला स्तरीय अधिकारियों के कार्य के प्रति असंतोष प्रकट किया और अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा है।

कलक्टर कलाल ने कहा कि सरकार ने आमजन की समस्याओं के समाधान के लिए संपर्क पोर्टल के साथ साथ त्रि स्तरीय जनसुनवाई व्यवस्था प्रारंभ की है। निस्तारण में प्रस्तुत जवाब से सरकार और प्रशासन की छवि का निर्माण होता है,

इसकी गंभीरता को समझना होगा और सम्पर्क पर एक एक प्रकरण को अधिकारी व्यक्तिगत रूप से देखना होगा।

कलक्टर ने कहा कि सभी अधिकारी नियमित रूप से खुद अपना आईडी लॉग इन करें और एक एक प्रकरण की अपने स्तर पर समीक्षा करें।

विभागीय समीक्षा बैठक के साथ संपर्क प्रकरणों का रिव्यू करें और बैठक के मिनट्स कलक्टर कार्यालय को भिजवायें। कलक्टर ने कहा कि ब्लाक स्तर पर एसडीएम और तहसीलदार भी स्वयं व्यक्तिगत रूप से समस्त परिवेदनाओं को देखेंगे और समयबद्ध निस्तारण करवाएं।

बैठक में जिला परिषद की सीईओ नित्या के, नगर निगम आयुक्त गोपालराम बिरदा, लोक सेवाएं एडी सवीना विश्नोई, डीडी महिला एवं बाल विकास विभाग शारदा चौधरी, सीएमएचओ डॉ मोहम्मद अबरार पंवार,

पीएचईडी अधीक्षण अभियंता राजेश पुरोहित सहित सम्बंधित विभागों के अधिकारी और सभी उपखंड अधिकारी व तहसीलदार वीसी के माध्यम से जुड़े।

राहत प्रतिशत और संतुष्टि में भी कमी

कलक्टर ने प्रकरणों की समीक्षा करते हुए कहा कि कई विभागों में राहत प्रतिशत में कमी आई है, साथ ही दी गई राहत से लोगों में संतुष्टि प्रतिशत भी कम हुआ है।

उन्होंने सभी एसडीएम को 10-10 प्रकरणों के निस्तारण का क्रॉस वैरिफिकेशन करने को कहा।