जानिये, ऐसा क्या हुआ कि एक समाज के संगठन की सभी स्तर की इकाईयों को कर दिया गया भंग
बीकानेर, (समाचार सेवा)।एक समाज के संगठन ने अपने
संगठन की सभी प्रकोष्ठों, राज्य, जिला, तहसील इकाईयों व समितियों को भंग कर दिया। जबकि आगे की कार्रवाई के लिये पांच
सदस्यीय तदर्थ समिति का गठन किया है।
जानकारी के अनुसार पीपा क्षत्रिय
समाज के पंजीकृत केन्द्रीय संगठन अखिल भारतीय पीपा क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष
ओमप्रकाश बड़गुजर ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी सहित सभी प्रकोष्ठों, राज्य/जिला/तहसील इकाईयों व समितियों को भंग कर दिया। उन्होंने बताया कि कार्यकारिणी
के तीन साल के कार्यकाल पूरा होने के बाद भी जब किसी ने चुनाव मैदान में उतरना नहीं चाहा तो संगठन के अगुआ होने के नाते सभी
इकाईयों को भंग कर दिया।
उन्होंने बताया कि पीपा क्षत्रिय
महासभा के संविधान में कार्यकारिणी
का कार्यकाल 3 वर्ष उल्लेखित है तथा वर्तमान कार्यकारिणी का कार्यकाल 2017 में ही पूर्ण
हो चुका था लेकिन कार्यकारिणी के कुछ पदाधिकारी चुनाव नहीं करवाना चाहते हैं तथा आए
दिन विवादित एवं विकट परिस्थितियां उत्पन्न कर संगठन की साख को भी कमजोर करने में जुट गए।
उन्होंने बताया कि समाजबंधुओं आग्रह के बाद ही यह कदम उठाया गया है तथा महासभा के संविधान के तहत प्रदत्त विशेष अधिकार का उपयोग करते हुए वर्तमान राष्ट्रीय कार्यकारिणी सहित सभी इकाईयों व समितियों को भंग कर दिया। बडगुजर ने बताया कि समाजबंधुओं द्वारा प्रस्तावित नामों के आधार पर एक 5 सदस्यों की तदर्थ समिति बनाई है।
इसमें अशोक भाटी (पाली), ताराचन्द मकसाने (मुम्बई), विजय दहिया (नागौर), डॉ. रमेश कनेसरिया (मंदसौर), पुष्करलाल परिहार (उदयपुर) को शामिल किया गया
है। यह समिति आगामी महासभा चुनाव सम्पन्न होने तक
संस्था के कार्य करेगी।
राष्ट्रीय अध्यक्ष बड़गुजर ने बताया कि उन्होंने अजमेर
देवस्थान विभाग में उपस्थित होकर महासभा के प्रन्यासी बोर्ड (कोरग्रुप) को भंग करने का कार्यालय आदेश प्रस्तुत किया एवं संस्था के
प्रधान कार्यालय पीपानंदाचार्य आश्रम के नोटिस बोर्ड पर लगाने हेतु जारी कर दिया है।