बीकानेर, (समाचार सेवा)। क्या, भाटी बिरला की ये मुलाकात एक बहाना है, एक पुरानी हिन्दी फिल्म का गीत …ये मुलाकात इक बहाना है, प्यार का सिलसिला पुराना है.. आज बीकानेर के सर्किट हाउस में
ये गीत नये तरीके से फिल्म गया। यही कारण है कि लोकसभाध्यक्ष ओम बिरला व राजपूत नेता व पूर्व काबीना मंत्री
देवीसिंह भाटी की सोमवार को बीकाने के सर्किट हाउस में हुई मुलाकात के राजनीतिक हलकों में कई
कयास लगाए जा रहे है।
आगामी नवम्बर में निकाय चुनाव व फरवरी
में संभावित पंचायत चुनाव को लेकर भी इस मुलाकात को देखा जा रहा है । जानकार
सूत्रों ने बताया बीकानेर सर्किट हाउस में ओम बिरला के आग्रह पर
अपने सिपहसालार रामकिशन आचार्य व अपने पौत्र अंशुमान सिंह के साथ पहुचे
देवीसिंह भाटी बिरला के अलावा अर्जुन मेघवाल की मौजूदगी ने
राजनैतिक पंडितो को चौका दिया।
राजनीति में देवीसिंह भाटी व अर्जुन
मेघवाल से अदावत जगजाहिर है तो वही ओम बिरला से उनके गहरे
तालुकात लोगों से छिपे हुए नहीं है । गौरतलब है कि बीकानेर के पूर्व सांसद स्व
महेंद्र सिंह भाटी व बिरला एक दौर में अंतरंग मित्र रह चुके है जिसकी गूंज पिछले
दिनों बजट सत्र के दौरान लोकसभा में भी सुनाई दी थी । बहरहाल इन तीनो नेताओ
की मीटिंग को शिष्टाचार भेंट भले ही कहा जाए लेकिन राजनीति के पंडित इस मुलाकात को
एक बहाना बता रहे है।
यहां उल्लेखनीय है कि देवी सिंह भाटी
जमीन से जुड़े हुए नेता है। अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत के बाद लगातार चुनाव
जीतने वाले भाटी राजस्थान के एकमात्र करिश्माई नेता है जिनका ब्राह्मणों, मुसलमानों, राजपूतों, पिछड़े वर्ग, आरक्षण से वंचित सहित अन्य वर्गों में
खासा प्रभाव है ।राजस्थान में भाजपा जब भी संकट में आई है भाटी मैदान में खुलकर
आए।
नब्बे के दशक में शेखावत सरकार
को बचाने के लिए जनता दल दिग्विजय का भाजपा में विलय करवाने में इस दबंग नेता की
अहम भूमिका थी। भाटी ने 90 के दौर
में सामाजिक न्याय मंच नाम से आरक्षण आंदोलन शुरू किया था। राजस्थान के लगभग हर
जिले में उस दौर की रैलियों में उमडऩे वाली भीड़ ने राष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिक
प्रेक्षकों का ध्यान अपनी ओर खींचा।
बहर हाल बिरला से मुलाकात व
उनकी कार्यशैली राजनीतिक पण्डितो को कंफ्यूजन में डाल रही है। उल्लेखनीय
है कि भाटी ने ही बीकानेर संसदीय सीट पर पहली बार भाजपा का कमल खिलवाया था।
उनके पुत्र महेंद्र सिंह भाटी बीकानेर से पहली बार भाजपा के सांसद बने थे। पूर्व
सांसद महेंद्र सिंह भाटी बीकानेर संसदीय क्षेत्र में युवाओं के रोल मॉडल रहे हैं।
एक सड़क दुर्घटना में उनकी मृत्यु के
बाद से युवा आज भी उनको भुला नहीं पाए हैं। राजपूतों के इस खांटी नेता
के पौत्र अंशुमान सिंह भाटी भी राजनीति में खासे सक्रिय रहे है।