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सल्तनत, गज़नी व मुगल काल में ईद ए गुलाबी तथा जश्न ए आब पाशी नाम से खेली जाती थी होली – डॉ. मेघना शर्मा  

एमजीएसयू की डॉ. मेघना शर्मा ने किया होली विषयक अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में पत्र वाचन

बीकानेर, (समाचार सेवा)। सल्तनत, गज़नी व मुगल काल में ईद ए गुलाबी तथा जश्न ए आब पाशी नाम से खेली जाती थी होली– डॉ. मेघना शर्मा  , महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय एमजीएसयू बीकानेर की इतिहास विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ. मेघना शर्मा ने कहा कि सल्तनत, गज़नी व मुगल काल में ईद ए गुलाबी तथा जश्न ए आब पाशी नाम से होली खेली जाती थी।

In-the-Sultanate-Ghazni-and-Mughal-period-Holi-was-played-under-the-names-Eid-e-Gulabi-and-Jashn-e-Aab-Pashi-–-Dr.-Meghna-Sharma12-1-300x173 सल्तनत, गज़नी व मुगल काल में ईद ए गुलाबी तथा जश्न ए आब पाशी नाम से खेली जाती थी होली – डॉ. मेघना शर्मा  

डॉ. मेघना शुक्रवार को मोहनलाल सुखाडिया विश्वविद्यालय उदयपुर के इतिहास विभाग और इंटरनेशनल रिसर्च फाउंडेशन, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में होली : भारतीय मूल्यों और संस्कृति की संरक्षक विषय पर आयोजित दो दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी के पहले दिन होली विषयक अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में अपना पत्र वाचन कर रही थी।

डॉ. मेघना ने मध्यकालीन इतिहास काल से मुस्लिम नवाबों, पादशाहों व आम समाज में होली मनाने के तथ्यात्मक वर्णन के साथ अपना उद्बोधन दिया। गोष्‍ठी के प्रथम दिवस के द्वितीय तकनीकी सत्र में प्रस्तुत अपने पत्र में डॉ. मेघना ने बताया कि सल्तनत काल के अमीर खुसरो, गज़नी काल के अल बरूनी और मुगल काल के रसखा़न सहित अनेक मुस्लिम इतिहासकारों व लेखकों की लेखनी के माध्यम से तत्कालीन समाज में ईद ए गुलाबी व जश्न ए आब पाशी नाम से होली मनाए जाने के साक्ष्य प्रस्तुत किए।

संगोष्‍ठी की अध्‍क्षता मणिपुर की प्रो. होएपी होकिप ने की। आयोजन सचिव डॉ. पीयूष भादविया ने बताया कि कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, मॉरीशस, सिंगापुर, अमरीका, वियतनाम आदि राष्ट्रों से भी विद्वानों द्वारा प्रतिभागिता निभाई गई।

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