बीकानेर, (समाचार
सेवा)। क्या राजेन्द्र को परमानंद
ने किया है परमानेंट, आपके ये तर्क पार्टी को नुकसान पहुंचा सकते
हैं। उप महापौर प्रत्याशी चयन को लेकर भारतीय जनता पार्टी के नाराज पार्षदों की केन्द्रीय
राज्य मंत्री अर्जुनराम के खिलाफ की गई इस टिप्पणी के बाद यह सवाल वाजिब है कि क्या
नगर निगम पर चल पाएगा राजेन्द्र का राज ? हांलांकि भाजपा
के सिपहसलार उप महापौर के चुनाव में महापौर से भी अधिक मत प्राप्त करने का दावा कर
रहे हैं।
पार्टी सूत्रों के अनुसार भाजपा के उप महापौर को 47 मत प्राप्त होंगे जबकि कांग्रेस 33 पर सिमट जाएगी। पार्टी नेता इसका आधार भी मूल ओबीसी व ओबीसी के पार्षदों की लामबंदी को मान रहे हैं। भाजपा नेता यह भी दावा करते हैं कि राजेन्द्र को तो परमानंद ने पहले ही परमानेंट कर दिया। ज्ञात रहे कि कांग्रेस ने जावेद पडिहार व परमानंद गहलोत का नामांकन दाखिल किया था।
परमानंद गहलोत ने नामांकन वापस ले लिया है। राजेन्द्र व परामानंद दोनों माळी समाज ओबीसी से आते हैं। इसीलिये भाजपा नेता कह रहे हैं कि राजेन्द्र को तो परमानंद ने अपना नाम वापस लेकर पहले ही परमानेंट कर दिया है। पर यह तर्क कामयाब होगा या नहीं यह तो परिणाम से पता चलेगा मगर वर्तमान में भाजपा के अर्जुनराम मेघवाल से नाराज पार्षद यदि बगावत करते हैं तो कांग्रेस प्रत्याशी जावेद पडिहार की जीत भी हो सकती है। ऐसा समीकरण बनने के चांस के चलते ही नगर निगम बीकानेर में उप महापौर के भाजपा के प्रत्याशी राजेन्द्र पंवार अपना राज कायम कर सकेंगे, या नहीं इसे लेकर अब सवाल उठने लगे हैं।
भाजपा में महापौर का पद 43 पार्षदों से जीतने वाली 38 पार्षदों वाली भाजपा की फूट
जग जाहिर होने लगी है। बताया जा रहा है कि उम महापौर पद के लिये पार्षद अरविन्द किशोर
आचार्य तथा लक्ष्मीकंवर मेडतिया के नामों को दरकिनार किए जाने पर इन पार्षदों ने पार्टी
बैठक में खुलकर विरोध जताया। पार्षद लक्ष्मीकंवर के पुत्र युवा नेता भगवान सिंह ने
भी आपत्ति जताई।
कहा जा रहा है कि केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने जब राजेन्द्र पंवार को
तीसरी बार चुनाव जीतने का आधार बताते हुए पंवार की उम्मीदवारी का समर्थन किया तो आचार्य
व मेडतिया ने भी दावा किया कि वे भी तीसरी बार जीतकर निगम पहुंचे हैं। पार्षद बने हैं।
यही कारण है कि महापौर चुनाव में जीत का डंगा बजाने के बाद
उपमहापौर पद को लेकर भाजपा में घमासान मच गया है।
पार्टी सूत्रों ने बताया
कि भाजपा ने राजेन्द्र पंवार के नाम सहमति बनने पर शहर भाजपा अध्यक्ष डॉ. सत्यप्रकाश
आचार्य के भतीजे पार्षद अरविंदकिशोर आचार्य, पार्षद लक्ष्मीकंवर मेडतिया व
पार्षद पुत्र भवगान सिंह मेडतिया ने केन्द्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल का पुरजोर
विरोध किया। बताते हैं कि नाराज पार्षदों ने केन्द्रीय मंत्री को संबोधित करते हुए
यह तक कहा कि आपके ये तर्क पार्टी को नुकसान पहुंचा सकते हैं