स्वाधीनता आंदोलन एवं साहित्य, दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी रविवार से
बीकानेर पहुंचेंगे देशभर के 300 से अधिक साहित्यकार
अखिल भारतीय साहित्य परिषद का आयोजन
बीकानेर, (समाचार सेवा)। स्वाधीनता आंदोलन एवं साहित्य, दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी रविवार से, स्वाधीनता के अमृत महोत्सव के तहत स्थानीय वेटरनरी ऑडिटोरियम में भारत का स्वाधीनता आंदोलन एवं साहित्य विषयक दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी रविवार 4 सितंबर सुबह 10 बजे से शुरू होगी।
अखिल भारतीय साहित्य परिषद बीकानेर इकाई की ओर से आयोजित इस संगोष्ठी में देशभर से 300 से अधिक साहित्यकार भाग लेगे।
रविवार 4 सितंबर को संगोष्ठी का शुभारंभ समारोह श्री लालेश्वर महादेव मंदिर शिवबाडी बीकानेर के स्वामी विमर्शानंद गिरि के आशीर्वचनशीर्वचन के साथ शुरू होगा।
मुख्य अतिथि केन्द्रीय हिन्दी संस्थान आगरा के पूर्व निदेशक प्रो. नंदकिशोर पाण्डेय होंगे। अध्यक्षता अखिल भारतीय साहित्य परिषद राजस्थान के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. अन्नाराम शर्मा करेंगे।
बीज वक्तव्य इंदिरा गांधी ओपन युनिवर्सिटी नई दिल्ली के प्रो. नरेन्द्र मिश्र देंगे। समारोह में वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण गुगनानी तथा दिल्ली युनिवर्सिटी की प्रो. नीलम राठी सारस्वत अतिथि व विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे।
संगोष्ठी के दूसरे दिन सोमवार 5 सितंबर को दोपहर बाद 3.15 बजे आयोजित होने वाले समारोह में सुजानदेसर बीकानेर के महामंडलेश्वर संत सरजूदासजी महाराज का आशीर्वचन होगा। मुख्य अतिथि खंडवा एमपी के चिंतक डॉ. श्रीराम परिहार होंगे।
अध्यक्षता अखिल भारतीय साहित्य परिषद राजस्थान के संगठन मंत्री डॉ. विपिनचंद पाठक करेंगे। विशिष्ट अतिथि राजस्थान साहित्य अकादमी उदयपुर के पूर्व अध्यक्ष इन्दूशेखर तत्पुरुष होंगे।
इन विभिन्न विषयों पर होंगे व्याख्यान
बीकानेर में होने वाली साहित्य परिषद की इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में साहित्य और स्वाधीनता विषयक आधारित व्याख्यान चर्चा होगी। इनमें भारतीय स्वाधीनता आंदोलन में साहित्य की भूमिका।
स्वाधीनता आंदोलन में साहित्यकारों की प्रत्यक्ष भूमिका। स्वाधीनता आंदोलन में राष्ट्रभाषा हिंदी का योगदान। विदेशी आक्रांताओं द्वारा प्रतिबंधित एवं जब्त साहित्य।
स्वाधीनता आंदोलन में महिला साहित्यकारों की भूमिका। स्वाधीनता आंदोलन और लोक साहित्य, स्वाधीनता आंदोलन और पत्रकारिता।
स्वाधीनता आंदोलन काल में सृजित साहित्य। स्वाधीनता के संघर्ष काल में स्वधर्म, स्वराज, स्वदेशी प्रयोग, सामाजिक समरसता, औपनिवेशिकता के उच्चाटन आदि पर केंद्रित साहित्य पर व्याख्यान होंगे।
इसके साथ ही 1857 का स्वाधीनता संग्राम और लोकगीत, राजस्थान का स्वाधीनता आंदोलन संबंधि साहित्य, समकालीन साहित्यकारों का भारत बोध एवं उपनिवेशीकरण इत्यादि विषयों पर भी व्याख्यान होगे।
आयोजन हेतु बनाई समितियां
संगोष्ठी के आयोजन हेतु गठित समितियां में सुधा आचार्य, अल्पना बोहरा, राजाराम स्वर्णकार, भगवती प्रसाद गौड़, दिलीप पुरी व शिवराज विश्नोई, मुनींद्र अग्निहोत्री, डॉ. मूलचंद बोहरा, नीलम पारीक, शशि प्रभा गोड,
रमेश महर्षि, मोहन थानवी, राजीव गौतम, डॉ. उज्जवल गोस्वामी, डॉ चंदन तलरेजा, विनोद ओझा, सुमन ओझा जोशी, मनीषा आर्य, बाबूलाल छंगाणी को अलग-अलग जिम्मेवारी दी गई है।
तैयारियों को दिया अंतिम रूप
शनिवार को हुई तैयारी बैठक में विभाग प्रचारक हितेश, अखिल भारतीय साहित्य परिषद के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. अन्नाराम शर्मा, परिषद के जोधपुर प्रांत के अध्यक्ष डॉ. अखिलानंद पाठक, महांमत्री कर्ण सिंह बेनीवाल,
आयोजन सचिव एव उपाध्यक्ष मौनिका गौड, बीकानेर नगर इकाई के अध्यक्ष विनोद कुमार ओझा, महामंत्री इंजीनियर आशा शर्मा आदि मौजूद रहे।
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