कानून से नहीं कुटुंब प्रबोधन से ही संभव है परिवार संस्कार – शांताक्का

Family rites are possible only by family enlightenment, not by law – Shantakka
Family rites are possible only by family enlightenment, not by law – Shantakka

NEERAJ JOSHI बीकानेर, (समाचार सेवा)।कानून से नहीं कुटुंब प्रबोधन से ही संभव है परिवार संस्कार – शांताक्का, विश्‍व की सबसे बड़े हिन्‍दू महिला स्‍वयंसेवी संगठन राष्ट्र सेविका समिति की प्रमुख संचालिका वंदनीय व्‍ही शांता कुमारी उर्फ शांताक्‍का ने कहा कि परिवार संस्‍कार कानून से नहीं कुटुंब प्रबोधन से ही संभव है।

शांताक्‍का सोमवार को बीकानेर में व्‍यास कॉलोनी स्थित आदर्श विद्या मंदिर प्रांगण में बीकानेर और श्रीगंगानगर विभाग की राष्ट्र सेविका समिति की शाखाओं के एकत्रीकरण कार्यक्रम शौर्य वंदन को संबोधित कर रही थीं। उन्‍होंने कहा कि आज परिवारों में संस्कार व्यवस्था क्षीण हो चुकी है। समय रहते सम्‍हलने की आवश्‍यकता है।

शांताक्‍का ने कहा कि युवतियों को हर क्षेत्र में मजबूती के साथ आगे बढ़ना होगा। साथ ही समाज और राष्ट्र के लिए भी कार्य करना पड़ेगा। राष्ट्र सेविका समिति की प्रमुख संचालिका ने कहा कि  वर्तमान समय में पुरुषों को और महिलाओं को दोनों को अपने दृष्टिकोण में बदलाव लाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार भूमि और वनस्पति परस्पर एक दूसरे पर आश्रित हैं उसी प्रकार हर व्यक्ति और मातृभूमि मे परस्पर अंतर्संबंध है।

हमें अपनी मातृभूमि के लिए कुछ करना चाहिए यह हमारा कर्तव्य है। केवल अन्न खाते अर्थात दोहन ही करते रहना नहीं है।  समारोह में मुख्य अतिथि उषा पारीक  कार्यक्रम अध्‍यक्ष बीएसएफ फैमिली वेलफेयर संस्‍था की अध्‍यक्ष अंबिका राठौड़ ने भी विचार रखे। श्रीगंगानगर विभाग कार्यवाहिका सिमरजीत कौर ने अध्यक्ष का व महानगर कार्यवाहिका ममता पुरोहित ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया।

बीकानेर विभाग कार्यवाहिका चंद्रकला चौधरी ने वंदनीय प्रमुख संचालिका को श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन पीयूष विग ने किया। बीकानेर विभाग की संपर्क प्रमुख अभिलाषा ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में जोधपुर प्रांत की प्रांत कार्यवाहिका डॉ. सुमन रावलोत, प्रांत प्रचारिका ऋतु शर्मा व प्रांत संपर्क प्रमुख कृष्णा द्विवेदी भी उपस्थित रहीं।

इससे पूर्व कार्यक्रम में सेविका बहनों ने नियुद्ध, दंड प्रदर्शन, गोपुर और योग व्यायाम के कार्यक्रम प्रस्तुत किये। समारोह में बीकानेर और श्रीगंगानगर की 125 बहनों की भागीदारी रही। बड़ी संख्या में बीकानेर के गणमान्य जन और मातृशक्ति भी यह कार्यक्रम देखने विद्या मंदिर परिसर पहुंचे।

क्‍या है राष्ट्र सेविका समिति

राष्ट्र सेविका समिति राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ (आरएसएस) विचारी महिला संगठन है मगर यह संगठन आरएसएस का महिला विंग नहीं है। राष्ट्र सेविका समिति संघ के समानांतर  कार्य करती है। इसकी स्‍थापना 1936 में विजयदशमी के दिन नागपुर में हुई। यह समिति महिलाओं को शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक रूप से सक्षम बनाने का काम करती है।