×

प्रभावी कम्युनिकेशन तभी जब बात दिल से कही और दिल से ही ग्रहण की जाए-संजीव पाराशर

Effective communication is possible only when it is said from the heart and accepted from the heart - Sanjeev Parashar

NEERAJJOSHI बीकानेर, (समाचार सेवा)  मीडिया उद्योग में सहायक निदेशक के रूप में जुड़े संजीव कुमार पाराशर ने कहा कि कम्युनिकेशन प्रभावी तभी हो सकता है जब संप्रेषण करने वाला बात अपने दिल से कहे और प्राप्त करने वाला अपने दिल से उसे ग्रहण करें।पाराशर मंगलवार को डूंगर कॉलेज में प्रतियोगिता दक्षता समिति इनोवेशन सेल तथा प्लेसमेंट सेल की ओर से संचार को प्रभावी कैसे बनाएं विषय पर आयोजित विशेष व्याख्यान में मुख्‍य वक्‍ता के रूप में अपना संबोधन दे रहे थे।

उन्‍होंने विद्यार्थियों को समझाया कि कैसे दिलचस्प तरीकों से प्रभावी कम्युनिकेशन किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि प्रभावी कम्युनिकेशन में कुछ विशेष बातों का ध्यान रखा जाता है उसमें आपकी वेशभूषा, आपका अपनी बात कहने के लिए सही व सधे हुए शब्दों का चुनाव तथा सकारात्मक मौखिक एवं गैर मौखिक प्रथम संबोधन बेहद महत्वपूर्ण होते हैं, जो आपके वार्तालाप को एक निश्चित दिशा देते हैं।

सही समय पर बात रखना है महत्वपूर्ण

उन्होंने कहा कि यह सब ऐसा होना चाहिए जिससे कि सुनने वाले के ऊपर आप अपनी अमिट छाप छोड़ सकें और अनेकों अनेक में भी वह व्यक्ति आपको याद रख सके। उन्होंने कहा कि सही शब्दों के साथ सही समय पर अपनी बात रखना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। प्रतियोगिता दक्षता के प्रभारी प्रोफेसर एमडी शर्मा ने स्वयं के अनुभवों को साझा करते हुए संजीव पाराशर के व्याख्यान के सार को छात्रों को समझाया।

प्रभावी कम्युनिकेशन का अत्यधिक है महत्व

कार्यक्रम में 100 से अधिक छात्र-छात्राओं ने सक्रिय रूप से भाग लिया एवं जिज्ञासाओं को मुख्य वक्ता के सामने रखा जिसका पाराशर में प्रभावी तरीके से समाधान किया। प्रतियोगिता दक्षता के अंतर्गत आयोजित कार्यक्रमों का एक मुख्य उद्देश्य छात्र-छात्राओं में मंच पर बोलने का डर निकालना है। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर राजेंद्र कुमार पुरोहित ने कहा कि जीवन के प्रत्येक अवसर पर प्रभावी कम्युनिकेशन का अत्यधिक महत्व है।

प्रतियोगिता दक्षता की गतिविधियां बताई

कार्यक्रम की संयोजक लोक प्रशासन की विभाग अध्यक्ष प्रोफेसर साधना भंडारी ने प्रतियोगिता दक्षता की गतिविधियों के बारे में बताया। सहसंयोजक भूगोल विभाग के प्रोफेसर विपिन सैनी ने विषय की प्रस्तावना एवं मुख्य वक्ता संजीव पाराशर का परिचय प्रस्तुत कियाl लोक प्रशासन स्नातकोत्तर की छात्रा पलक तवंर ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर इनोवेशन सेल की प्रभारी प्रोफेसर सुमित्रा चारण, प्लेसमेंट सेल के प्रभारी प्रोफेसर देवेश खंडेलवाल, राजनीति विज्ञान की प्रोफेसर मैंना निरवाण मौजूद थे।

 

 

Share this content:

Post Comment

You May Have Missed

error: Content is protected by SITInovations!!