डॉ. तेस्सीतोरी ने दुनिया में राजस्थानी का मान बढ़ाया- राजेन्द्र जोशी
NEERAJJOSHI बीकानेर, (समाचार सेवा)। डॉ. तेस्सीतोरी ने दुनिया में राजस्थानी का मान बढ़ाया- राजेन्द्र जोशी, सादुल राजस्थानी रिसर्च इंस्टीट्यूट के सचिव, साहित्यकार राजेन्द्र जोशी ने कहा कि राजस्थानी भाषा के इटालियन मूल के विद्वान डॉ. एल. पी. तैस्सीतोरी ने दुनिया भर में राजस्थानी का मान बढ़ाया। जोशी शुक्रवार को डॉ. तैस्सीतोरी की 105वीं पुण्यतिथि पर म्यूजियम परिसर स्थित तैस्सीतोरी प्रतिमा स्थल पर सादुल राजस्थानी रिसर्च इंस्टीट्यूट द्वारा आयोजित श्रद्धांजलि और शब्दांजलि समारोह को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि तैस्सीतोरी ने राव जेतसी रो छन्द के सम्पादन के साथ वेलि क्रिसन रुक्मिणि री के सम्पादन का काम साधु जोरदान और बारठ देवकरण की सहायता से किया। मुख्य अतिथि एडीएम डॉ. दुलीचंद मीना ने कहा कि तैस्सीतोरी ने बीकानेर में पांच साल से अधिक समय तक रहकर चारण और जैन साहित्य पर भरपूर शोध कार्य किया।
मान्यता के सामूहिक प्रयास सच्ची श्रद्धांजलि
विशिष्ट अतिथि सहायक निदेशक जनसंपर्क हरि शंकर आचार्य ने कहा कि राजस्थानी को संविधान की आठवीं अनुसूची में मान्यता के सामूहिक प्रयास उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी। कार्यक्रम में डॉ. अजय जोशी, एन डी रंगा अब्दुल शकूर सिसोदिया, एडवोकेट महेंद्र जैन, आत्माराम भाटी, जुगल पुरोहित, शशांक जोशी, विमल शर्मा, राहुल जादूसंगत, इंद्र छंगाणी, डॉ. फारूक चौहान, ज्योति मौजूद रहे।
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