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डॉ. शंकरलाल स्वामी की पुस्‍तक गीतम्-गजलम्’ का लोकार्पण

Dr. Shankarlal Swamy's book 'Geetam-Gajalam' launched

बीकानेर, (समाचारसेवा) डॉ. शंकरलाल स्वामी की पुस्‍तक गीतम्-गजलम्’ का लोकार्पण, हिन्दी- राजस्थानी के वरिष्ठ कवि, गीतकार डॉ. शंकरलाल स्वामी के नए कविता संग्रह ‘गीतम्- गजलम्’ का विमोचन रविवार को बीकानेर के युवा रचनाकारों द्वारा किया गया।

बुनियाद साहित्य एवं कला संस्थान की ओर से आयोजित कार्यक्रम में डॉ. शंकरलाल स्वामी ने जनकवि हरीश भादाणी, मोहम्मद सदीक, अज़ीज़ आज़ाद, गौरीशंकर ‘अरुण’ और बुलाकी दास बावरा जैसे बीकानेर के दिवंगत कवियों गीतकारों का स्मरण करते हुए अपनी चुनिंदा रचनाओं का पाठ किया।

कार्यक्रम में लोकार्पित कृति पर अपने विचार रखते हुए हुए शायर इरशाद अज़ीज़ ने कहा कि बीकानेर में गीत लेखन की एक समृद्ध परम्परा रही है। उस कड़ी में  डॉ. शंकरलाल स्वामी एक महत्वपूर्ण और लोकप्रिय गीतकार है,  उनके गीतों गजलों में जीवन की धड़कन को महसूस किया जा सकता है।

कवि- कथाकार सुनील गज्जाणी ने कहा कि ‘गीतम्-गजलम्’ पुस्तक में शामिल रचनाएं नए कवियों को छंद काव्य की तरफ आकृष्ट करती हैं। उन्होंने कहा कि डॉ. स्वामी की रचनाएं जीवन के सभी पक्षों को स्पर्श करती है। कवि -समालोचक संजय आचार्य वरुण ने कहा कि गेयता काव्य का अनिवार्य गुण है।

जीवन और सृष्टि की सभी घटनाएं एक लय के साथ घटित होती है, इसलिए काव्य को लयहीन करना अनुचित है। उन्होंने कहा कि डॉ. शंकरलाल स्वामी पारम्परिक काव्य के सशक्त हस्ताक्षर हैं।

लोक गायक एवं संस्कृति कर्मी सुशील छंगाणी ने डॉ. स्वामी की राजस्थानी गजल ‘ उण रै नीं रोटी रौ सरतण इयां कियां, थारै घर चांदी रा बरतण इयां कियां’ की सस्वर प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में सुनीता स्वामी, नरेन्द्र सवामी,

भानेश्वर स्वामी, पुष्पा, वैभव, सोनिक, सौरभ एवं निष्ठा स्वामी सहित अनेक साहित्यानुरागी उपस्थित रहे। फोर्टीज हॉस्पीटल जयपुर के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. श्रीकांत स्वामी ने आभार जताया।

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