डॉ. रेणुका व्यास और पूर्ण शर्मा को मिलेगा राजस्थानी कथा साहित्य पुरस्कार
NEERAJ JOSHI बीकानेर, (समाचार सेवा)। डॉ. रेणुका व्यास और पूर्ण शर्मा को मिलेगा राजस्थानी कथा साहित्य पुरस्कार, मुक्ति संस्था के तत्वावधान में दूसरे पोकरमल राजरानी गोयल स्मृति राजस्थानी कथा साहित्य पुरस्कारों की घोषणा कर दी गयी है।
फरवरी माह के मध्य में बीकानेर में आयोजित समारोह में डॉ. रेणुका व्यास ‘नीलम‘ एवं पूर्ण शर्मा “पूरण” को पोकरमल राजरानी गोयल स्मृति राजस्थानी कथा साहित्य पुरस्कार अर्पित किये जाएंगे।
मुक्ति संस्था के सचिव कवि- कथाकार राजेन्द्र जोशी ने बताया कि राजस्थानी महिला लेखन के लिए बीकानेर की युवा उपन्यासकार डॉ. रेणुका व्यास ‘नीलम’ के राजस्थानी उपन्यास ‘धिंगाणै धणियाप’ पर 11 हजार रुपये का राजस्थानी महिला लेखन का पहला पोकरमल राजरानी गोयल स्मृति राजस्थानी कथा साहित्य पुरस्कार देने की घोषणा की गई है।
उन्होंने बताया कि 15 जून 1970 को जन्मी डॉ. रेणुका व्यास ‘नीलम’ की हिन्दी और राजस्थानी में कई पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। इनमें ‘उड़ने को तैयार मन, अगर मैं सच बोल दूँ, तथा सुनो तथागत’ (हिन्दी कविता संग्रह) ‘कंवळी कूंपळ प्रीत री (राजस्थानी कविता संग्रह) हैं। ‘धिंगाणै धणियाप’ उनका राजस्थानी उपन्यास है।
डॉ. रेणुका ने एक महत्वपूर्ण पुस्तक ‘हिन्दी साहित्य का इतिहास और राजस्थान के लेखक’ को दिल्ली के डॉ. उमाशंकर व्यास के साथ मिलकर संपादित किया है. जोशी ने बताया कि 11 हजार रुपये का दूसरा राजस्थानी कथा पुरस्कार रामगढ़ के प्रतिष्ठित राजस्थानी साहित्यकार पूर्ण शर्मा ‘पूरण’ को उनके कहानी संग्रह ‘उणरी आप री दुनिया’ के लिए दिया जाएगा।
निर्णायक मंडल में व्यंग्यकार- सम्पादक डा. अजय जोशी, राजस्थानी व्याख्याता डाॅ. गौरीशंकर प्रजापत एवं जगदीश रतनू शामिल थे। उन्होंने बताया कि 01 जुलाई 1966 को जन्मे पूर्ण शर्मा ‘पूरण’ की भी अनेक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं – जिनमें राजस्थानी कहानी संग्रह : डौळ, उडीकती माटी, मेटहु तात जनक परितापा, उणरी आप री दुनिया और उपन्यास ‘होम’ प्रमुख हैं। पोकरमल राजरानी गोयल ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ. नरेश गोयल ने लेखकों के प्रति आभार व्यक्त किया है।
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