
भारतीय रेलवे का टिकटिंग सिस्टम डिजिटल रूप से बदला, एक मिनट में बुक हुए रिकॉर्ड 31,814 टिकट
पारदर्शिता, सुरक्षा और बेहतर उपयोगकर्ता अनुभव की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम उठाते हुए, भारतीय रेलवे ने अपने ऑनलाइन टिकटिंग सिस्टम का एक व्यापक डिजिटल कायापलट किया है। इस पहल के तहत अत्याधुनिक एंटी-बीओटी (बॉट गतिविधियों को रोकने वाला) तंत्र और अग्रणी कंटेंट डिलीवरी नेटवर्क (सीडीएन) सेवा प्रदाता के साथ तकनीकी एकीकरण किया गया है।


इस प्रणाली का उद्देश्य एजेंटों द्वारा अनधिकृत बुकिंग पर रोक लगाना और वास्तविक यात्रियों के लिए वेबसाइट का उपयोग सुगम बनाना है। इसका असर साफ तौर पर 22 मई 2025 को देखा गया, जब एक मिनट में रिकॉर्ड 31,814 टिकटों की बुकिंग की गई — जो अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि है।
प्रमुख परिवर्तन और तकनीकी उन्नयन
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एंटी-बीओटी प्रणाली: नई एआई-आधारित तकनीक द्वारा 2.5 करोड़ संदिग्ध उपयोगकर्ता आईडी को निष्क्रिय किया गया है और बॉट ट्रैफिक को लगभग समाप्त कर दिया गया है।
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सीडीएन एकीकरण: वेबसाइट पर 87% स्थिर कंटेंट अब तेज़ी से लोड हो रहा है, जिससे सर्वर लोड में कमी और उपयोगकर्ता के लिए बेहतर अनुभव सुनिश्चित हो रहा है।
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साइबर सुरक्षा सुदृढ़ीकरण: संदेहास्पद लॉगिन और बुकिंग प्रयासों पर नज़र रखने के लिए उन्नत मॉनिटरिंग और रिपोर्टिंग तंत्र विकसित किया गया है।
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सुगम शिकायत प्रक्रिया: संदिग्ध आईडी या गतिविधि को सीधे साइबर क्राइम पोर्टल पर रिपोर्ट करना अब पहले से कहीं ज़्यादा आसान है।
उपयोगकर्ताओं के लिए नए प्रोटोकॉल
रेलवे ने पंजीकरण प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए आधार-प्रमाणन को प्राथमिकता दी है। अब
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आधार-सत्यापित उपयोगकर्ता: तत्काल, प्रीमियम तत्काल और ओपनिंग एआरपी टिकट तुरंत बुक कर सकते हैं।
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गैर-आधार सत्यापित उपयोगकर्ता: उन्हें पंजीकरण के तीन दिन बाद ही इन श्रेणियों की टिकट बुकिंग की अनुमति मिलेगी।
ट्रैफिक प्रबंधन और उपयोग के आंकड़े
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वित्त वर्ष 2024-25 में औसत दैनिक लॉगिन 82.57 लाख तक पहुंच गया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 19.53% अधिक है।
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औसत दैनिक टिकट बुकिंग में भी 11.85% की वृद्धि दर्ज की गई है।
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कुल आरक्षित टिकट बुकिंग में ई-टिकटिंग की हिस्सेदारी 86.38% तक पहुंच चुकी है।
निष्कर्ष
आईआरसीटीसी द्वारा संचालित नई डिजिटल टिकटिंग प्रणाली न केवल उपयोगकर्ता अनुभव को बेहतर बना रही है, बल्कि पारदर्शिता, निष्पक्षता और सुरक्षा में भी नई मिसाल कायम कर रही है। भारतीय रेलवे का यह कदम यह सुनिश्चित करता है कि देश के सभी नागरिकों को एक समान और सुगम डिजिटल सेवा मिले। आने वाले समय में भी तकनीकी नवाचार और सुधार की यह प्रक्रिया लगातार जारी रहेगी।
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