
महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय के विवेकानंद वीथी परिसर में हुआ आयोजन
NEERAJ JOSHI (समाचार सेवा) बीकानेर। विवेकानंद बनने के लिये जरूरी है डिफरेंसियेशन, डिसीजन और डिटर्मिनेशन–स्वामी विमर्शानंद, लालेश्वर महादेव मठ शिवबाड़ी बीकानेर के अधिष्ठाता स्वामी विमर्शानन्द जी महाराज ने कहा कि विवेकानंद बनने के लिये एक युवा में डिफरेंसियेशन, डिसीजन और डिटर्मिनेशन जैसे गुण होना बहुत जरूरी है।

महाराज मंगलवार को महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय (एमजीएसयू) बीकानेर के विवेकानंद वीथी परिसर में इतिहास विभाग की ओर से विवेकानंद जयंती सप्ताह के तहत आयोजित युवा जागरण दिवस विस्तार व्याख्यान को मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि युवा यदि प्रश्न पूछेंगे, जिज्ञासा रखेंगे तो विवेकानंद का गुरुत्व अपने आप स्वयं में महसूस कर सकेंगे। कार्यक्रम अध्यक्ष कुलपति प्रो.विनोद कुमार सिंह ने कहा कि स्वामी विवेकानंद युवाओं को चिरयुवा बनाने काम किया।
उन्होंने कहा कि युवा को विकसित करने में उसकी परवरिश का बहुत बड़ा योगदान होता है। इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. अनिल कुमार छंगाणी ने युवाओं को प्रेरित करने में स्वामी विवेकानंद की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया।
आयोजन सचिव, संपूर्ण आयोजन की संचालनकर्ता व इतिहास विभाग की सह प्रभारी डॉ. मेघना शर्मा ने कहा कि आज के दौर में युवाओं को अपने अंदर नेतृत्व क्षमता का विकास करना बहुत आवश्यक है।
कार्यक्रम में छात्रसंघ अध्यक्ष लोकेन्द्र प्रताप सिंह सहित निधि, सुमन, आरती, भवानी, गुनगुन, हिमांशु, शीतल, अंजलि ने स्वामी विमर्शानन्द जी को भगवद् गीता की प्रति भेंट की। समारोह में डॉ. अभिषेक वशिष्ठ, डॉ. प्रगति सोबती,
डॉ. गौतम मेघवंशी, डॉ. प्रभु दान चारण, उमेश शर्मा, डॉ. रितेश व्यास, डॉ. मुकेश हर्ष, डॉ. राकेश किराडू, डॉ. मदन राजोरिया, डॉ. मीनाक्षी शर्मा, रामावतार उपाध्याय, राजेश चौधरी, सुधीर छीपा, सुनीता स्वामी, जसप्रीत सिंह व विद्यार्थी उपस्थित रहे।
