डीपीएस के वार्षिकोत्सव में मनमोहक प्रस्तुतियां

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बीकानेर (समाचार सेवा)। डीपीएस के वार्षिकोत्सव में मनमोहक प्रस्तुतियां, दयानंद पब्लिक स्कूल (अंग्रेजी माध्यम ) का वार्षिकोत्सव ‘ ग्लिट्री गैलोर में मंगलवार को स्कूल के अमर रंगमंच पर कक्षा नर्सरी से नवीं तक के बच्चों ने रंगारंग प्रस्तुति दी।

सभी प्रस्तुतियां एक से बढ़कर एक आकर्शक ,प्रेरणादायक व मनोरंजक थी। खचाखच भरे हॉल में अभिभावकों व अतिथियों ने कार्यक्रमों को करतल ध्वनि कर सराहा।

सभी प्रस्तुतियों में बच्चों की अलग अलग पोशाक भी दर्षकों के आकर्षण का केन्द्र बनी थी।

कार्यक्रम का आगाज मुख्य अतिथि कर्नल दिलीप सिंह शेखावत ने दीप प्रज्जवलित कर किया। इस अवसर पर शेखावत ने कहा कि स्कूल के विद्यार्थी व शिक्षक हमेंशा यह ध्यान रखे की देश सर्वोपरी है। उसके बाद ही सब कुछ है।

उन्होंने कहा स्कूल के विद्यार्थियों ने गजब के पूर्वाभ्यास के साथ कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां दी है। उन्होंने देशभक्ति से ओतप्रोत वाली प्रस्तुतियों की सराहना करते हुए कहा कि पाष्चात्य प्रभाव के कारण मानवीय मूल्यों में कमी आ रही है।

अभिभावक व शिक्षक बच्चों में शिक्षा व संस्कार देने के मामले में किसी तरह का समझौता नहीं करें। बच्चों को मानवीय मूल्यों तथा देषप्रेम के भाव जागृत करें व उन्हें भारतीय संस्कृति व परंपरा से जोड़े रखे।

पूर्व में स्कूल के बैंड ने मुख्य अतिथि को सलामी दी। सांस्कृतिक कार्यक्रम शुरू होने से पूर्व पुलवामा के शहीदों को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई। सांस्कृतिक कार्यक्रम का आगाज गायत्री मंत्र व सर्वधर्म प्रार्थना से हुआ।

वैदिक मंत्रोचार किया गया। नन्हें बच्चों ने हाथ में तिरंगा लिए हुए जब चित्ताकर्शक वेषभूशा में नृत्य किया तो उपस्थित दर्षक करतल ध्वनि करने पर मजबूर हो गए।

कार्यक्रम में टू गैदर वी कैन विद यू , ऑल्ड इज गोल्ड, गो ग्लोबल, किंडर नोट्स, हैप्पीनैस सरांउडस, ग्रीन एंड पीस, कराटे शो, राइज इंडिया राइज व राजस्थानी डांस की प्रस्तुति पर दर्शकों ने करतल ध्वनि कर नन्हें कलाकारों का हौसला बढ़ाया।

वहीं भीष्‍म साहनी की चर्चित कहानी चीफ की दावत के नाट्य रूपांतरण ने वर्तमान दौर में घर के अंदर उपेक्षा झेल रहे बुजुर्गों के दर्द व प्रेक्टिकल हो रही संतानेां की महत्वकांक्षा पर कटाक्ष किया। इस नाटक ने दर्शकों को सोचने पर मजबूर कर दिया।

स्कूल की सीईओ श्रीमती अलका डॉली पाठक ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि स्कूल  इस वर्ष रजत जयंती वर्ष में प्रवेश कर रहा है।

1994से शुरू हुए इस स्कूल में नवाचारों का पूरा ख्याल रखा जाता है। उन्होंने 25 गुब्बारे, मोती व फूलों के माध्यम से शाला के 25 वें साल में प्रवेश की आधिकारिक घोशणा की।

पाठक ने सकारात्मक सोच बच्चों में विकसित करने का आह्वान शिक्षकों व अभिभावकों से किया। शाला के प्रधान व कार्यक्रम अघ्यक्ष भरत कुमार ठोलिया ने अतिथियों का स्वागत करते हुए बताया कि स्कूल में शिक्षा के साथ साथ संस्कारों पर विशेष ध्यान दिया जाता है।

स्कूल के छात्र छात्राओं ने शिक्षकों की प्रेरणा से विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्धियां हासिल कर स्कूल ही नहीं वरन् बीकानेर का नाम रोशन किया है। उन्होंने कहा कि मेरा सपना है कि शाला का नाम देश के बड़े स्कूलों की गिनती में शुमार हो।

उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों व षाला के हित में संसाधनों की कमी नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने बताया कि समय की जरूरत को देखते हुए हाल ही में शाला को पूरा एयरकंडिशनर किया गया है । इसके अलावा तकनीक के साथ कदमताल करते हुए डिजिटल क्लाष रूम की व्यवस्था भी की गई है।

समारोह में शाला के पूर्व प्रधान डॉ रविन्द्र कुलश्रेश्ठ व भगवानदास चांदना का अभिनंदन किया गया। शाला की प्रधानाध्यापिका श्रीमती आशिमा गांधी ने अपने प्रगति प्रतिवेदन में बताया कि 25 साल के सफर में स्कूल ने हर क्षेत्र में उपलब्धि हासिल की है।

क्षेत्र .चाहे वो शिक्षा का हो, खेल का मैदान हो या सांस्कृतिक कार्यक्रम यहां के छात्रों ने हमेशा अग्रिम पंक्ति में अपना नाम दर्ज कराया है।

उन्होंने कहा स्कूल अबोध बालकों को किताबी ज्ञान के साथ उनके सर्वांगीण विकास के लिए समर्पित भाव से कार्य कर रहा है। हमारे अभिभावकों की नजर में हमारे प्रयास रंग लाए है तभी तो 24 साल पहले लगाया यह पौधा आज एक वट वृक्ष का रूप ले चुका है।

कार्यक्रम का संचालन छात्रा लवप्रीत कौर व छात्र मो हसनैन ने किया।