राष्ट्रवाद के अग्रदूत थे दयानंद सरस्वती : डॉ. मेघना शर्मा
अरुणाचल प्रदेश में बीकानेर की डॉ. मेघना का व्याख्यान
NEERAJ JOSHI बीकानेर, (समाचार सेवा)। राष्ट्रवाद के अग्रदूत थे दयानंद सरस्वती : डॉ. मेघना शर्मा, महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय (एमजीएसयू) बीकानेर की इतिहास विभाग की डॉ. मेघना शर्मा ने कहा कि स्वामी दयानंद ने एक ऐसे राष्ट्रवाद का निर्माण करने का प्रयास किया जिससे अंग्रेजी साम्राज्य थर्राता था।
डॉ. मेघना शर्मा सोमवार को अरुणाचल प्रदेश के राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान द्वारा महर्षि दयानंद सरस्वती की 140 वीं पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में आयोजित राष्ट्रीय कांफ्रेंस में बीजवक्ता के रूप में अपना संबोधन दे रही थी। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी मीडिया ने यहां तक लिख डाला कि यदि किसी आर्य समाजी की खाल को खरोंचकर देखा जाएगा तो वहां क्रांतिकारी शब्द लिखा मिलेगा।
एमजीएसयू की डॉ. मेघना ने अपने ऑनलाइन वक्तव्य में कहा कि दयानंद द्वारा अपने ग्रंथों और आर्य पत्र पत्रिकाओं के माध्यम से सामाजिक विसंगतियों को दूर करने के सद्प्रयासों के लिए भारतीय समाज सदैव महर्षि का ऋणी रहेगा। यदि कहा जाए कि दयानंद सामाजिक पुनर्जागरण और क्रांतिकारी राष्ट्रवाद के अग्रदूत थे तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।
अन्य आमंत्रित वक्ताओं में आसाम साइंस एंड टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी, गुवाहाटी के कुलपति प्रोफेसर नरेंद्र.एस चौधरी, महर्षि दयानंद सरस्वती अजमेर के कुलपति प्रो. अनिल शुक्ला, संगोष्ठी संयोजक डॉ राली साँग्नो ने भी विचार रखे। स्वागत भाषण एनआईटी अरुणाचल प्रदेश के डायरेक्टर व संगोष्ठी संरक्षक प्रो. राम प्रकाश शर्मा ने दिया।
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