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देश प्रेम की भावना का प्रचार करते हैं क़ासिम – डॉ. कल्ला

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आज कह दूं कोई ग़ज़ल ऐसीपुस्तक का लोकार्पण

बीकानेर 28 अक्टूबर। देश प्रेम की भावना का प्रचार करते हैं क़ासिम – डॉ. कल्ला, पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ. बुलाकीदास कल्ला ने कहा कि  युवा शायर क़ासिम बीकानेरी अपनी शेरो शायरी के माध्यम से  सामाजिक बुराइयों का पुरज़ोर विरोध करते हुए देश प्रेम की भावना का प्रचार प्रसार करते हैं।

डॉ. कल्ला रविवार को शायर क़ासिम बीकानेरी की पुस्तक पुस्तक  ‘आज कह दूं कोई ग़ज़ल ऐसी’ के महाराजा नरेंद्र सिंह ऑडिटोरियम में आयोजित लोकार्पण समारोह को मुख्‍य अति‍थि के रूप में संबोधित कर रहे थे।

बज़्मे-फ़िक्रो-फ़न एवं प्रज्ञालय संस्थान की ओर से आयोजित इस समारोह में डॉ. कल्ला ने कहा कि लोकार्पित पुस्तक में क़ासिम बीकानेरी सच्चाई की वकालत करते हुए नज़र आते हैं।

बीकानेर के उर्दू अदब में एक नई पहल और नव आयाम के साथ बीकानेर के ऊर्जावान युवा शायर क़ासिम बीकानेरी ने 400 शे’र वाली तवील ग़ज़ल की पुस्तक  ‘आज कह दूं कोई ग़ज़ल ऐसी’ के माध्यम से बीकानेर ही नहीं प्रदेश के उर्दू अदब में और विशेष तौर से शायरी के मामले में एक नया अध्याय जोड़ा है।

समारोह की अध्यक्षता टोंक के वरिष्ठ शायर सय्यद साबिर हसन रईस ने करते हुए कहा कि क़ासिम बीकानेरी का तजुर्बा और मुशाहिदा ज़बरदस्त है, उनकी ये ग़ज़ल की किताब इतिहास में दर्ज की जाएगी।

मुख्य वक्ता वरिष्ठ साहित्यकार आलोचक भवानी शंकर व्यास विनोद ने कहा कि अब तक बीकानेर में किसी शायर ने इतनी लंबी ग़ज़ल नहीं कही थी। क़ासिम बीकानेरी ने एक नई परंपरा को शुरू किया है।

विशिष्ट अतिथि टोंक के वरिष्ठ शायर व आलोचक डॉ.अरशद अब्दुल हमीद ने कहा कि क़ासिम की इस पुस्तक में उनके तजुर्बे का खरापन और आम बोलचाल की ज़बान में की गई शायरी प्रभावित करती हैं।

शायर रवि शुक्ल ने कहा क़ासिम की इस ग़ज़ल में उनकी सोच का विस्तृत कैनवास दिखाई देता है।

उर्दू व्याख्याता डॉ. शकीला बानो ने कहा कि क़ासिम बीकानेरी न सिर्फ साहित्य  लेखन में सक्रिय भागीदारी निभा रहे हैं बल्कि साहित्यिक आयोजन में भी उनकी ख़िदमत सराहनीय है।

कार्यक्रम का संचालन आलोचक शाइर डॉ. मोहम्मद हुसैन ने किया। समारोह में क़ासिम बीकानेरी ने अपनी ग़ज़ल के शे’र सुनाये।

कार्यक्रम में आयोजक संस्था द्वारा लोकार्पित कृति के लेखक क़ासिम बीकानेरी का शॉल, श्रीफल, माल्यार्पण एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत किया गया।

स्वागत भाषण बासनी नागौर के शायर इरफ़ान नोमानी जाहिदी ने दिया। कार्यक्रम में सभी का शुक्रिया मौलाना अब्दुल वाहिद अशरफी ने अदा किया।

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