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Neeraj Joshi
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कोरोना काल में विशिष्ट पहचान पा सकता है ऊंटनी का दूध : डॉ. सावल
विश्व दुग्ध दिवस पर हुई ऑनलाइन विचार गोष्ठी
बीकानेर, (samacharseva.in)। कोरोना काल में विशिष्ट पहचान पा सकता है ऊंटनी का दूध : डॉ. सावल, राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र बीकानेर के निदेशक डॉ. आर. के. सावल ने कहा कि कोरोना काल में ऊँटनी के दूध में विद्यमान गुणधर्म इस दूध को एक विषिष्ट पहचान दिला सकते हैं।
डॉ. सावल सोमवार को विश्व दुग्ध दिवस के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र द्वारा उष्ट्र दूध के उपभोक्ताओं के साथ की गई ऑनलाईन विचार गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में भारत सहित पूरा विश्व कोरोना महामारी से जूझ रहा है तथा प्रमुख तौर पर रोग से बचाव में रोग प्रतिरोधक क्षमता पर अधिक निर्भरता देखी जा रही है।
ऐसे में ऊंटनी का दूध काम आ सकता है। डॉ. सावल ने कहा कि बीकानेर स्थित उष्ट्र अनुसंधा केंद्र ऊँटनी के दूध के उत्पादन एवं उसमें विद्यमान औषधीय गुणों पर गत डेढ़ दशक से सक्रिय रूप से कार्य कर रहा है ताकि आमजन के समक्ष इस दूध के महत्व को प्रतिपादित किया जा सके तथा इसका भरपूर लाभ मिल सके।
उन्होंने कहा कि केन्द्र द्वारा ऊँटनी के दूध के औषधीय महत्व एवं इसके उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य लाभ को ध्यान में रखते हुए राजस्थान में लक्ष्मणगढ़, जयपुर, पंजाब से कपूरथला, चंडीगढ़, जम्मू, दिल्ली, पटना, इंदौर, बेंगलुरु, पुणे व चेन्नई से जुड़े ऑटिज्म रोग से ग्रसित बच्चों के परिजनों से सार्थक चर्चा की गई। गोष्ठी में मधुमेह के रोगियों में विशेषकर बीकानेर, गंगानगर, सूरत, मुंबई से जुड़े मरीजों से भी चर्चा की गई।
इसके साथ ही ऊँटनी के दूध व्यवसाय से जुड़े कई संगठनों / उद्यमियों/ ऊँट पालक भाइयों यथा- आदविक फूड्स, जैसलमेर कैमल मिल्क डेरी, जयपुर से सारिका रायका दूध भंडार, लोकहित पशु पालन संस्थान सादड़ी, भरजा, सिरोही के साथ गहन चर्चा की गई।
Camel milk can get distinct identity in Corona period: Dr. Saval
Online seminar held on World Milk Day
Bikaner, (samacharseva.in). Director of National Camel Research Center Bikaner, Dr. R. K. Sawal said that the qualities present in camel milk during the Corona period can give a special identity to this milk.
On Monday, Dr. Saval was addressing an online seminar organized by the National Research Center on the occasion of World Milk Day with the consumers of milk milk. He said that at present the whole world including India is suffering from corona epidemic and more dependence on disease resistance is being seen mainly in prevention of disease.
In this case, camel milk can be useful. Dr. Sawal said that the Camel Research Center at Bikaner has been actively working on the production and medicinal properties of camel milk for the last one and a half decades so that the importance of this milk can be presented to the common man and its benefits. So to receive.
He said that keeping in view the medicinal importance of camel milk and health benefits of its consumers, the Center has autism related to Laxmangarh, Jaipur, Punjab to Kapurthala, Chandigarh, Jammu, Delhi, Patna, Indore, Bengaluru, Pune and Chennai. Meaningful discussions were made with the families of children with the disease. Discussions were also held in the seminar with patients associated with diabetes, especially from Bikaner, Ganganagar, Surat, Mumbai.
Along with this, intense discussions were held with many organizations / entrepreneurs / camel foster brothers associated with camel milk business such as Adivik Foods, Jaisalmer Camel Milk Dairy, Sarika Raika Milk Bhandar from Jaipur, Public Interest Animal Husbandry Institute Sadi, Bharaja, Sirohi.
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