बुधवार को मनाया जाएगा पुरष नसबंदी दिवस

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बीकानेर (समाचार सेवा) बुधवार को मनाया जाएगा पुरष नसबंदी दिवस। बुधवार को जिले में 6 स्थानों पर पुरुष नसबंदी दिवस मनाया जाएगा। यहाँ विशेषज्ञ सर्जन की सेवाएं उपलब्ध करवाकर बिना चीरा-बिना टांका और बिना दर्द वाली बेहतरीन पुरष नसबंदी परिवार कल्याण सेवाओं से लाभान्वित किया जाएगा।

राज्य सरकार के निर्देशानुसार प्रत्येक माह के तीसरे बुधवार को पुरुष नसबंदी दिवस के रूप में मनाया जाना है इस कड़ी में 16 मई को पहला पुरुष नसबंदी दिवस मनाया जाएगा। शासन सचिव एवं एनएचएम के मिशन निदेशक नवीन जैन द्वारा सोमवार को विडियो कांफ्रेंस के माध्यम से दिवस की तैयारियों का जायजा लिया गया और आवश्यक निर्देश दिए गए।

उन्होंने परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत नसबंदी, आईयूसीडी, पीपीआईयूसीडी व अंतरा इंजेक्शन सेवाओं की समीक्षा कर पुरुष नसबंदी स्थाई सेवा दिवस को उत्सव की तरह मनाते हुए आमजन को प्रेरित करने के निर्देश दिए। उन्होंने साल के अंत में परिवार कल्याण लक्ष्यों की चिंता की बजाय साल के शुरुआत से ही प्रतिमाह इसे प्राथमिकता देने का मूलमन्त्र दिया।

जिला स्तर से डिप्टी सीएमएचओ (प.क.) डॉ. राधेश्याम वर्मा ने परिवार कल्याण कार्यक्रम में जिले की प्रगति प्रस्तुत की। वीसी में जिला स्तर से डीपीएम सुशील कुमार, डीएसी रेणू बिस्सा, आईईसी समन्वयक मालकोश आचार्य व डॉ. पुष्पेन्द्र नैण उपस्थित रहे जबकि सभी खण्ड स्तर पर सम्बंधित बीसीएमओ ने भाग लिया।

यहाँ मनाएंगे एनएसवी दिवस

सीएमएचओ डॉ. देवेन्द्र चौधरी ने बताया कि बुधवार को पीबीएम अस्पताल, जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नोखा, श्रीडूंगरगढ़, खाजूवाला व लूणकरणसर में पुरुष नसबंदी स्थाई दिवस मनाए जाएंगे।

इस सन्दर्भ में सभी खण्ड मुख्य चिकित्सा अधिकारीयों को ब्लॉक नोडल के रूप में प्रभावी भूमिका निभाने तथा समस्त चिकित्साधिकारियों, नर्सिंग स्टाफ व आशा सहयोगिनियों के माध्यम से अधिकाधिक पुरुषों को सेवा का लाभ दिलाने के निर्देश दिए गए हैं।

डॉ. राधेश्याम वर्मा ने जानकारी दी कि पुरुष नसबंदी एनएसवी (नो स्कैल्पल वसेक्टमी) करवाने पर क्षतिपूर्ति राशि स्वरुप 2000 रूपए सरकार द्वारा दिए जाते हैं।

नयी पद्धति के चलते अब पुरुष झटपट नसबंदी कराके आधे घंटे में घर जा सकते है और अपेक्षाकृत जल्दी अपने काम पर लौट सकते हैं। फिर भी जानकारी के अभाव में पुरुष नसबंदी की हिस्सेदारी कुल नसबंदी की मात्र 1.5 प्रतिशत है इसलिए सघन जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा।