बीकानेर की देशी राठी नस्ल की गायें बहाती है दूध की नदियां, मांग बढ़ी
पीएम मोदी तक कर चुके हैं राठी नस्ल की सराहना
NEERAJ JOSHI बीकानेर, (समाचार सेवा)। बीकानेर की देशी राठी नस्ल की गायें बहाती है दूध की नदियां, मांग बढ़ी, बीकानेर जिले की देशी गाय कहलाई जाने वाली राठी नस्ल की गायें क्षेत्र में हरा चारा और पानी की कम उपलब्धता के बावजूद अच्छी मात्रा में दूध देती हैं।
यह गाय पश्चिमी राजस्थान की गर्मी व सर्दी दोनो वातावरण को बखूबी सहन कर लेती है। ग्रैटर नोएडा में 12 से 15 सितम्बर तक आयोजित इन्टरनेशनल डेयरी फेडरेश्न (आईडीएफ) की वर्ष 2022 की वर्ल्ड डेयरी समिट में राठी नस्ल सुधार परियोजना के कार्य को एक पोस्टर के माध्यम से प्रदर्शित किया गया।
इस पोस्टर को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ। इस समिट के समिट के उद्धाटन भाषण में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राठी गाय का भी जिक्र किया।
राठी नस्ल सुधार परियोजना बीकानेर के समन्वयक डॉ. अमित सारस्वत ने बताया कि उरमूल ट्रस्ट बीकानेर तथा राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) द्वारा संचालित राठी नस्ल सुधार परियोजना के कार्य को समिट में प्रदर्शित किया गया था।
उरमूल ट्रस्ट सचिव रमेश सारण ने बताया कि राठी नस्ल सुधार परियोजना के अन्तर्गत 1 लाख से ज्यादा गायों में कृत्रिम गर्भाधान किया जा चुका है।
उन्होंने बताया कि 5 हजार से अधिक राठी गायों में दुग्ध मापन का कार्य किया गया है। साथ ही इन गायों से पैदा अच्छी गुणवत्ता के 48 राठी सांडो को भारत के विभिन्न सीमन स्टेशन पर भेजा जा चुका है।
डॉ. अमित सारस्वत ने बताया की राठी नस्ल सुधार परियोजना के माध्यम से राठी नस्ल की गायों की पहचान देशभर में हुई है। राठी नस्ल की मांग मे वृद्धि हुई है।
उन्होंने बताया कि बीकानेर में राठी नस्ल सुधार परियोजना का कार्य उरमूल ट्रस्ट तथा राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के सहयोग से पिछले कई वर्षों से किया जा रहा है।
Share this content: