सरकारी नीतियों के खिलाफ सकारात्मक कदम है भाटी का धरना : महंत विमर्शानंद
नथानियान गोचर भूमि में पूर्व मंत्री देवीसिंह भाटी का धरना जारी
बीकानेर, (समाचारसेवा)। सरकारी नीतियों के खिलाफ सकारात्मक कदम है भाटी का धरना : महंत विमर्शानंद, स्वामी सोमगिरी जी महाराज के उत्तराधिकारी शिवबाड़ी महादेव मंदिर के मंहत विमर्शानंद जी महाराज ने कहा कि गोचर बचाना सब का दायित्व हैं।
ऐसे में देवीसिंह भाटी का धरना समाज की जागरूकता व सरकार की नीतियों के खिलाफ उठाया गया सकारात्मक कदम हैं। मंहत विमर्शानंद जी महाराज सोमवार को सरेह नथानिया गोचर भूमि परिसर में आयोजित धरना सभा को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि गोचर है तो गाय है, गाय है तो सनातन धर्म, धर्म है तभी हिन्दूस्तान हैं।
मंहत ने कहा सरकार, समाज, सन्यासी व आमजन की भागीदारी से ही गोचर को बचाना संभव हैं।
उल्लेखनीय है कि गोचर,ओरण व चारागाह की जमीन पर कब्जों को नियमित करने के राजस्थान सरकार के फैसले के बाद 13 जनवरी से बीकानेर में पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी सरेह नथानियान गोचर भूमि में धरने पर बैठे है।
धरने के पहले दिन से नियमित रूप से धरना स्थल पर वेद मंत्र गूंज रहे है। यज्ञ में आहुतियां दी जा रही हैं। भजनों की सुरलहरियों से लोग मंत्रमुग्ध हो रहे हैं।
भाटी के प्रवक्ता सुनील बांठिया ने बताया कि सोमवार को धरना स्थल पर पं. राजेन्द्र किराडू के आचार्यत्व में त्रिसति यज्ञ का आयोजन किया गया। यज्ञ में मुरली पुरोहित, दामोदर किराडू व पूण्यानंद आश्रम के ब्रह्मचारी बालकों ने मंत्रोंचारण किया।
यज्ञ में पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष रामकिशन आचार्य, देवकिशन चाण्डक, अंशुमानसिंह भाटी सहित उपस्थित जनसमुदाय ने यज्ञ में आहुत दी।
धरने पर भारतीय दलित साहित्य अकादमी के चिन्तक बुलाकी दास देवड़ा, बैंक युनियन के वाई.के.शर्मा उर्फ योगी, पेन्सरनर्स समाज के पूर्व अध्यक्ष सत्यनारायण व्यास, भाजपा पूर्व मंडल अध्यक्ष मदनसिंह राठौड़,
एडवोकेट समुद्रसिंह राठौड़, कोलायत के पूर्व उप-प्रधान प्रतिनिधि राजुसिंह सोढ़ा, खारी से रामगोपाल, बाबुलाल, वासुदेव चारण, कोजुराम सुथार गजनेर से रूपाराम, कानजी सुथार, मालमसिंह अक्कासर से धर्माराम गौदारा, नैनुराम गौदारा चाण्डासर से विनोद सैन नाईयों की बस्ती से गोपालाराम नाई,
दियातरा से महावीर प्रसाद, प्रेमदास, बच्चनसिंह कोलासर से मुरली उपाध्याय, विजय उपाध्याय जयमलसर से गोविन्दसिंह भाटी, पूर्व न्यासी कमल कंवर तंवर, शारदा राव, लक्ष्मी देवी सोढ़ा, संतोष देवी राठौड़ आदि ने शिरकत की।
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