
गोशाला अनुदान घोटाले पर भाटी का तीखा रुख, चेताया–अब नहीं रुकेगा धरना
पश्चिमी राजस्थान के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी ने गोशालाओं को मिलने वाले अनुदान में घोटाले को लेकर जिला प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि गायों के नाम पर आने वाला सरकारी पैसा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहा है और प्रशासन जानबूझकर आंखें मूंदे हुए है।


देवी सिंह भाटी ने इस संबंध में जिला कलक्टर को पत्र लिखकर सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि जल्द दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो वे जिला कलक्ट्रेट के बाहर धरने पर बैठने को बाध्य होंगे।
जांच के बाद भी कार्रवाई नहीं
भाटी ने कहा कि मंडल गोगडियावाला की सच्चियाय गौ सेवा समिति में अनियमितताओं को लेकर संयुक्त जांच कमेटी द्वारा जांच की गई थी और रिपोर्ट प्रशासन को सौंपी भी जा चुकी है। बावजूद इसके प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया, बल्कि अब 20 जून को केवल औपचारिक निरीक्षण कर मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है।
सरकारी समिति पर भी सवाल
उन्होंने कहा कि गोशालाओं के निरीक्षण, निगरानी और अनुदान वितरण के लिए राज्य सरकार ने जो समिति बनाई है, जिसमें जिला कलक्टर, जिला परिषद के सीईओ और संयुक्त निदेशक पशुपालन विभाग शामिल हैं, वह समिति खुद अपनी जिम्मेदारियों का पालन नहीं कर रही है।
176 गोशालाएं, पर कोई ठोस निगरानी नहीं
भाटी ने आरोप लगाया कि जिले में 176 गोशालाएं अनुदान प्राप्त कर रही हैं, लेकिन अधिकतर संस्थाओं की स्थिति पर कभी भी गंभीरता से ध्यान नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि राजनीतिक संरक्षण के चलते गो-सेवा के नाम पर हो रहा भ्रष्टाचार खुलकर फल-फूल रहा है, जिससे गो-भक्तों और आम जनता में गहरी नाराज़गी है।
जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो होगा धरना
भाटी ने कहा कि यह उनके सब्र की सीमा का अंत है। यदि प्रशासन अब भी चुप बैठा रहा, तो वे स्वयं जिला मुख्यालय पर अनिश्चितकालीन धरने की शुरुआत करेंगे। उनका कहना है कि गोशालाओं में अनियमितता सिर्फ प्रशासनिक लापरवाही नहीं, बल्कि नैतिक विफलता भी है, जिसका खामियाजा गायों और समाज दोनों को भुगतना पड़ रहा है।
अब यह देखना अहम होगा कि प्रशासन समय रहते इस मामले में सख्त निर्णय लेता है या फिर जनदबाव के बाद ही जागेगा।
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