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बेंगलुरु भगदड़ मामला: आरसीबी जश्न पर कर्नाटक सरकार का कड़ा एक्शन

बेंगलुरु भगदड़ में कर्नाटक सरकार की सख्ती, पुलिस कमिश्नर निलंबित, आयोजनकर्ताओं की गिरफ्तारी के आदेश

बेंगलुरु में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलूरु (आरसीबी) की आईपीएल जीत के जश्न के दौरान हुए दर्दनाक भगदड़ कांड को लेकर कर्नाटक सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने गुरुवार को एक प्रेस वार्ता में कहा कि इस मामले में पुलिस प्रशासन की गंभीर लापरवाही सामने आई है, जिसके चलते पुलिस कमिश्नर समेत कई वरिष्ठ अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है।

घटना की जांच हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश से

मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि मामले की निष्पक्षता से जांच के लिए कर्नाटक हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश माइकल कुन्हा के नेतृत्व में एक सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया गया है, जो 30 दिन के भीतर रिपोर्ट सौंपेगा। इसके साथ ही सीआईडी जांच की भी घोषणा की गई है।

आरसीबी, इवेंट कंपनी और केएससीए पर दर्ज हुई एफआईआर

कर्नाटक पुलिस ने आरसीबी फ्रेंचाइज़ी, डीएनए इवेंट मैनेजमेंट कंपनी, और कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA) के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इन सभी पर आपराधिक लापरवाही और सुरक्षा मानकों की अनदेखी के आरोप लगाए गए हैं।

सरकार ने यह भी आदेश दिया है कि इन सभी संगठनों के प्रमुख प्रतिनिधियों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए

निलंबित अधिकारियों की सूची

  • कब्बन पार्क पुलिस स्टेशन इंस्पेक्टर

  • स्टेशन हाउस ऑफिसर

  • क्षेत्रीय एसीपी

  • सेंट्रल डीसीपी

  • चिन्नास्वामी स्टेडियम प्रभारी एसीपी

हादसे में 11 की मौत, आरसीबी ने की मुआवजे की घोषणा

इस भगदड़ में अब तक 11 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। आरसीबी फ्रेंचाइज़ी ने मृतकों के परिवारों को ₹10 लाख प्रति परिवार की सहायता राशि देने और घायलों के इलाज के लिए ‘आरसीबी केयर्स’ नामक राहत अभियान शुरू करने की घोषणा की है।

हाई कोर्ट की सख्त टिप्पणी, रिपोर्ट तलब

कर्नाटक हाई कोर्ट ने इस मामले पर स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से 10 जून तक विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश वी. कामेश्वर राव और न्यायमूर्ति सीएम जोशी की खंडपीठ ने राज्य को यह बताने के लिए कहा है कि

  • आरसीबी खिलाड़ियों को सम्मानित करने का निर्णय किसने लिया?

  • भीड़ नियंत्रण के लिए एसओपी क्यों नहीं थी?

  • केवल तीन गेट ही क्यों खोले गए, जबकि भीड़ अनुमान से कहीं अधिक थी?

क्या कहती है सरकार?

सरकार ने अदालत को बताया कि आयोजन के दौरान लगभग 2.5 लाख लोग जमा हो गए थे, जबकि स्टेडियम की अधिकतम क्षमता केवल 34,600 दर्शकों की है। इस दौरान 1600 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी, जो सामान्य मैचों की तुलना में दोगुनी थी, लेकिन भीड़ नियंत्रण में भारी चूक सामने आई।

यह घटना आयोजकों की लापरवाही, प्रशासनिक तैयारी की कमी और भीड़ प्रबंधन के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश न होने का परिणाम मानी जा रही है।

सरकार ने संकेत दिए हैं कि इस मामले में आगे और भी कार्रवाई की जा सकती है।

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