पहले विश्व कृषि पुरस्कार का ऐलान
नई दिल्ली, अक्टूबर 2018 पहले विश्व कृषि पुरस्कार का ऐलान, पहले विश्व कृषि पुरस्कार की ग्लोबल जूरी ने भारत की हरित क्रान्ति के चीफ़ आर्कीटेक्ट श्री एम एस स्वामिनाथन को चुना है। स्वामिनाथन हमारे समय के सबसे प्रभावी कृषि एवं पर्यावरण विज्ञानी हैं, जो भारत में खाद्य सुरक्षा के लिए हरित क्रान्ति लाने में सक्रिय रहे हैं।
उन्हें जेनेटिक्स, सायटोजेनेटिक्स, रेडिएशन और कैमिकल म्युटोजेनेसिस, खाद्य एवं जैव विविेधता के संरक्षण की दिशा में अनुसंधान के लिए दुनिया भर में जाना जाता है। एमएस स्वामिनाथन को युनाईटेड नेशन्स एनवायरनमेन्ट प्रोग्राम द्वारा ‘फादर आॅफ इकोनोमिक इकोलोजी (आर्थिक पारिस्थितिकी के जनक)’ का दर्जा दिया गया है।
उन्हें टाईम मैगज़ीन द्वारा बीसवीं सदी के सबसे प्रभावी बीस एशियाई लोगों की सूची में रखा गया है, इस दृष्टि से वे भारत के तीन दिग्गजों में शामिल हैं। इस सूची में मौजूद अन्य दो भारतीय महात्मा गांधी और रबिन्द्रनाथ टैगोर हैं। युनाईटेड नेशन्स के महासचिव श्री जेवियर पेरेज़ डे स्यूलर ने कहा, ‘‘वे ऐसे अद्भुत दिग्गज हैं जिन्होंने कृषि विज्ञान के इतिहास में नया अध्याय प्रस्तुत किया है।’’
26 अक्टूबर 2018 को एक विशेष सत्र “Swaminathan Global Dialogue on Climate Change and Food Security” के दौरान इस पुरस्कार से सम्मानित किया जायेगा ।
विश्व कृषि पुरस्कार की जूरी में 11 लोग हैं, जिनमें 4 भारतीय हैं- श्री आनंद महिन्द्रा, चेयरमैन, महिन्द्रा ग्रुप, सचिव- खाद्य प्रसंस्करण, सचिव- डीेएआरई तथो डीजी- आईसीएआर, चेयरमैन नाबार्ड। विश्वस्तरीय दिग्गजों में शामिल हैं डायरेक्टर जनरल, आईएफपीआरआई, वाॅशिंगटन डीसी, डायरेक्टर जनरल,
आईएलआरआई, नैराबी, डायरेक्टर जनरल, बायोडाइवर्सिटी इंटरनेशनल, रोम, डयरेक्टर जनरल, चेयरमैन, एसोसिएशन आॅफ इंटरनेशनल रीसर्च सेंटर्स इन एग्रीकल्चर, केएल, पूर्व अध्यक्ष, माॅरिशस, मिस अमीनाह फाकिम, पूर्व पीएम, नाईजर, श्री आई मयाकी और सेक्रेटरी जनरल, एएआरडीओ, महामहिम श्री डब्ल्यू एच स्रेइहिन।
विश्व कृषि पुरस्कार की शुरूआत भारतीय खाद्य एवं कृषि परिषद द्वारा उन लोगों को सम्मानित करने के लिए की गई जिन्होंने कृषि के माध्यम से मानवता के कल्याण में योगदान दिया हो। 100000 अमेरिकी डाॅलर के विश्व कृषि पुरस्कार हर साल एशियाई, अफ्रीकी एवं लैटिन अमेरिकी देशों से लोगों एवं संस्थानों को दिए जाते हैं,
जिन्होंने भुखमरी को मिटाने में अपना योगदान दिया हो। भारतीय खाद्य एवं कृषि परिषद ने इस बार प्रोफेसर डाॅ एमएस स्वामिनाथन को यह पुरस्कार देने का ऐलान किया है, जो दुनिया भर के किसानों और वैज्ञानिकों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं।
डाॅ एम जे खान, चेयरमैन, भारतीय खाद्य एवं कृषि परिषद ने कहा, ‘‘कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था और सकल घरेलू उत्पाद में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है किंतु लगातार बदलते जलवायु केे कारण कृषि के विकास हेतु स्थायी समाधानों की आवश्यकता है।
आधुनिक तकनीकों के द्वारा कृषि क्षेत्र में सुधार किया जा सकता है। प्रोफेसर स्वामिनाथन का कार्य इन समाधानों में मदद करेगा और भारत की आधी आबादी के कल्याण में योगदान देगा जो कृषि पर निर्भर है।’’
उन्होंने कहा कि इस पुरस्कार की शुरूआत के साथ भारत दुनिया भर का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करेगा और दुनिया भर से दिग्गज कृषि, खाद्य सुरक्षा एवं पर्यावरण स्थायित्व की दिशा में योगदान देने के लिए आगे आएंगे।’’