शहर के एक थानेदारजी ने थाने में बर्थ डे क्या मनाया बाकी थानेदारों को ये आयोजन हजम नहीं हुआ। वैसे इसमें बुरा मानने वाली बात है नहीं, सभी खाकीधारी जानते हैं कि सत्ता के नजदीक रहने वाले खाकीधारियों का बर्थ डे इसी प्रकार मनाया जाता है। इसीलिये इन साहब का भी मनाया गया।
साहब को खुश करने के लिये जिन लोगों को
बर्थ डे विश करने थाने पहुंचना था वे केक लेकर पहुंचे भी।
जन्मदिन की पार्टी के फोटो सोशल मीडिया
पर भी साया किये गए। इसमें नया क्या है। खादी और खाकी के संगम वाले
खाकीधारियों की शान ही कुछ अलग होती है। इसीलिये बर्थ डे विश करने पहुंचे थानेदार साहब
के सभी प्रशंसक अपना अपना ‘धरम’ निभा रहे थे। ऐसे
थोड़े ही था कि डरते हुए लोग ही गोगाजी को धोक देने पहुंचते हैं।
कई रस्में पारंपरिक भी होती है जो
निभाई जाती है। अब मेरे
पास आपके इस सवाल का जवाब नहीं कि इन थानेदार साहब का पिछला और उससे पिछला जन्म दिन
भी क्या किसी थाने में इसी शान शौकत से मनाया गया था।
* ये अच्छी बात नहीं
ये अच्छी बात नहीं कि सीमांत इलाके के एक
जनप्रतिनिधि व उसी इलाके के आला पुलिस अधिकारी के बीच छत्तीस का आंकड़ा हो और उसका खमियाजा
एक थानेदार को भुगतना पड़े। अरे भाई थानेदार को भी अपनी थानेदारी
अपने थाना क्षेत्र में चलानी होती है।
मगर दो बड़ों की लड़ाई में थानेदार जी पिस
कर रह गए हैं। सुना है सीमांत क्षेत्र में एक सड़क निर्माण की सामग्री चोरी होने का
आरोप एक निर्माण कंपनी के मालिक व विभाग के आलाधिकारियों पर लगा। थानेदार साहब
नहीं चाहते थे कि उन पर मामला दर्ज हो मगर आला अधिकारी खुद थाने पहुंचे और थानेदारजी
को कसमसाते हुए मामला दर्ज करना पड़ा।
सुना है इलाके के जनप्रतिनिधि से आला अधिकारी
के 36 का आंकड़ा होने के कारण प्राय आलाधिकारीजी अपने क्षेत्र के थानों का निरीक्षण
करने पहुंच जाते हैं जिसमे एक थाने पर तो उनकी मेहरबानी कुछ अधिक ही हो गई है। इससे
थानेदारजी उखड़े उखड़ से रहते हैं।
वैसे थानेदारजी अपने स्टाफ में भी कम ही लोकप्रिय
हैं यही कारण है कि थाने की हर छोटी से छोटी बात आलाधिकारी जी तक पहुंच जाती है और
वे थाने आ धमकते हैं।
* तुम मुझे यूं भुला
ना पाओगे…
जांगळ देश रेंज के बड़े खाकीधारी के किस्से
अब तक समाप्त नहीं हुए हैं। एक बाला को लेकर बड़े साहब के रंगीन किस्से अब भी यहां की फिजाओं में घुले हुए हैं। वैसे सुना है बड़े साहब व उनके
मातहत मलाईदार पोस्ट पर रहे खाकीधारी जांगळ देश छोड़ने को तैयार बैठे हैं। सरकार कब
तबादला सूची जारी करती है आये दिन वो इसी इंतजार में बैठे दिखते हैं। जाने के लिये
इन लोगों ने अपने बिस्तर तक बांध लिये हैं।
बड़े साहब व उनकी मलाई टीम के यहां से जाने पर मलाईदार पदों पर कब्जा जमाने को तैयार बैठे खाकीधारी भी सूची का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। वे इलाके के टाइगर के नजदीक हैं और सोचते हैं कि टाइगर की मेहरबानी से उनको अच्छे पद मिल जाएंगे मगर यह चिंता भाी है कि कहीं सूची में टाइगर का भी नाम आ गया तो उनका क्या होगा।