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एलिवेटेड रोड के नाम पर राजनीति करने वालों की पत्रकारों ने ली क्‍लास

press confrence

बीकानेर। शहर में रेल फाटकों की समस्‍या के समाधान के लिये एलिवेटेड रोड बनाई जानी प्रस्‍तावित है। एलिवेटेड रोड के प्रस्‍ताव से अनेक लोग खुश है तो कईयों ने इस रोड के बनने से होने वाली परेशानियों को लेकर एलिवेटेट रोड का विरोध किया है।

इस रोड का विरोध करने वाले व्‍यपारियो ने बुधवार 6 जून को अपनी दुकानें भी बंद रखने का भी निर्णय लिया है। एक तीसरा पक्ष भी सामने आया है जिसे इस मुददे पर अपनी राजनीति चमकाने का अवसर दिखाई दे रहा है।

अपने आप को एलिवेटेड रोड बनाये जाने के समर्थक  बताने वाले इस पक्ष से जुडे कुछ लोगों ने मंगलवार को सिटीजन कोंसिल बीकानेर नामक संस्‍था के बैनर तले रानी बाजार क्षेत्र की होटल मरूधर में पत्रकार वार्ता कर अपनी राजनीति चमकाने का प्रयास किया।

बिना किसी ठोस तैयारी के पत्रकारों के सामने आये इन लोगों से जब पत्रकारों यह पूछा कि वे किस हैसियत से एलिवेटेड रोड के पक्ष में पत्रकार वार्ता कर रहे हैं, वे ऐसे तीखे सवालों का जवाब तो नहीं दे पाये ऐेसे में उन्‍होंने पत्रकारों पर ही उलटे सीधे आरोप लगाने लगे।

इसी दौरान शहर भाजपा के एक नेता ने जब पत्रकारों के तीखे सवालों के जवाब में कुतर्क करना शुरू किया तो इन नेताजी की पत्रकारों ने ही क्लास ले ली और नेताजी की बोलती बंद कर दी। नजीता यह रहा कि प्रेस कान्फ्रेंस में नेता जिस मुद्दे को लेकर एक साथ आए थे वे खुद भी उस मुददे पर एकमत नहीं रहे।

वैसे बीकानेर की जनता तो अब समझ चुकी है कि बीकानेर में एलिवेटेड रोड बनाने के नाम पर शुरू से राजनीति हो रही है। कांग्रेस ने बाइपास के माध्यम से रेल फाटकों की समस्या दूर करने की परियोजना प्रस्तुत की लेकिन भाजपा सरकार आने के बाद से बाइपास का स्थान एलिवेटेड रोड बनाने की योजना ने ले लिया।

एलिवेटेड रोड की जद में आने वाली दुकानों को तोड़ने के प्रस्ताव से व्यापारी आंदोलन कर रहे हैं। शहर के अंदर नेशनल हाइवे बनाने की बात आने पर और शहर के एक हिस्से के लोगों को कुछ भी राहत नहीं मिलने की बात पर भी विरोध हो रहा है।

इस बीच भाजपा के छुटभैये नेताओं ने एलिवेटेड रोड नहीं चाहने वाले व्यापारियों का विरोध करने के लिए प्रेस कान्फ्रेंस बुलाई लेकिन उनके पास न कोई तर्क था और न ही कोई दस्तावेज जिनके आधार पर वे एलिवेटेड रोड को उचित ठहरा सकते।

उनका मकसद केवल यही था कि एलिवेटेड रोड का विरोध मतलब भाजपा का विरोध है जबकि यह आम जनता की तकलीफों को लेकर चलाया जा रहा आंदोलन है। भाजपा के जिला महामंत्री मोहन सुराणा और विष्णु पुरी के साथ व्यापार उद्योग मंडल के नेता सुभाष मित्तल ने दूसरे बाजारों के व्यापारिक संगठनों के पदाधिकारियों को लेकर बुधवार के बंद का विरोध किया।

लेकिन जब पत्रकारों ने सवाल पूछने शुरू किए तो उन्होंने पलट कर उन पर ही आरोप लगाने शुरू कर दिए। न्यूज 18 के रवि विश्नोई पर राजनीति करने का आरोप लगा दिया तो नेशनल राजस्थान के अनुराग हर्ष पर भी मुद्दे से भटकने के आरोप लगा दिए।

पंजाब केसरी से जुडे वरिष्‍ठ पत्रकार श्‍याम शर्मा ने नेताओं को साफ हिदायत दी कि वे मुद़दे पर साफ बात रखें, यहां पत्रकार किसी का भाषण सुनने नहीं आये हैं।

नवज्योति के नीरज जोशी को एक व्यापारी ने तेज बोलने से बीपी होने की चेतावनी दे दी। आखिर विनायक के संपादक दीपचंद सांखला ने व्यापारियों को एलिवेटेड रोड के बारे में हकीकत बताई तो प्रेस कान्फ्रेंस बुलाने वाले खुद ही मुंह ताकते रह गए।

आखिर एलिवेटेड रोड का समर्थन करने आए आधे लोग इस बात पर सहमत दिखे कि व्यापारियों का नुकसान होता है तो वे इसका समर्थन नहीं करते। आधे लोग इसके बावजूद अपनी बात पर अड़े रहे। एक सदस्य ने तो एक वरिष्ठ वकील पर आरोप लगा दिया कि वे हाईकोर्ट में सैटिंग कर विकास कार्यों के विरुद्ध स्थगन आदेश लाते रहे हैँ।

इस पर पत्रकारों ने भी नाराजगी जताई कि वरिष्ठ वकील को बीच में लाना उचित नहीं है तो एक वरिष्ठ सदस्य ने माफी मांग ली।

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