अब फास्ट-ट्रैक विशेष अदालतों में होगा इनका निबटारा
नई दिल्ली, (samacharseva.in)। देश में महिलाओं के साथ दुष्कर्म व पोक्सो के 1 लाख 66 हजार 882 मामले लंबित हैं। अब ऐसे मामलों में तुरंत कार्रवाई के लिये केन्द्रसरकार नेदेश भर में 1023 फास्ट-ट्रैक विशेष अदालतों के गठन की योजना शुरू की है। राजस्थान सहित अब तक 24 राज्य इस योजना में शामिल हो चुके हैं।
विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पत्र लिखकर सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से अपील की है कि वे ऐसी अदालतों का गठन करें और योजना का कारगर क्रियान्वयन करें, ताकि ऐसे अपराधों की रोकथाम की जा सके। योजना के तहत 354 विशेष पॉस्कों अदालतों सहित 792 फास्ट-ट्रैक विशेष अदालतों का गठन किया जाएगा। केन्द्र सरकार ने महिलाओं और बच्चों के साथ होने वाले दुष्कर्म और सामूहिक दुष्कर्म के अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए देश भर में फास्ट-ट्रैक विशेष अदालतों के गठन की श्ह योजना शुरू की है।
इसके अंतर्गत विभिन्न उच्च न्यायालयों में लंबित मुकदमों (31.03.2018 तक कुल लंबित मुकदमों की संख्या 1,66,882) के मद्देनजर दुष्कर्म और पॉस्को अधिनियम के लंबित मुकदमों की जल्द सुनवाई और उनका निपटारा किया जाएगा। यह पहल राष्ट्रीय महिला सुरक्षा मिशन के अंग के रूप में फास्ट-ट्रैक विशेष अदालतों के गठन के साथ की गई है। 12 वर्ष से कम आयु की नाबालिग लड़कियों के साथ दुष्कर्म और सामूहिक दुष्कर्म तथा महिलाओं के खिलाफ इसी तरह के जघन्य अपराधों की घटनाओं ने पूरे देश को हिलाकर रखा दिया है।
इसलिए महिलाओं और बच्चों के साथ होने वाले दुष्कर्म और सामूहिक दुष्कर्म के अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए यौन अपराधों से संबंधित मुकदमों की जल्द सुनवाई पूरी कर लेने की पहल की गई है। ऐसे मुकदमों को निपटाने के संबंध में अधिक सख्त प्रावधानों और तेज सुनवाई के लिए भारत सरकार ने आपराधिक विधि (संशोधन) अधिनियम, 2018 को लागू किया है। योजना के तहत 12 राज्यों में 216 पॉक्सो अदालतें चल रही हैं। इस योजना से सभी संबंधित राज्य सरकारों/केन्द्रशासित प्रदेशों के प्रशासनों को सितंबर 2019 में सूचित कर दिया गया है।