जिले की पहली ‘डिजिटल स्मार्ट क्लास’ का हुआ शुभारंभ

DIGITAL & SMART CLASS ROOM

बीकानेर, (समाचार सेवा) जिले की पहली डिजिटल स्‍मार्ट क्‍लास का शुभारंभ शनिवार को श्रीरामसर की राजकीय सीनियर सैकण्डरी स्कूल में केन्द्रीय जल संसाधन राज्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल किया। इस दौरान मेघवाल ने विद्यालय में दो कक्ष सीएसआर के तहत बनवाने की घोषणा की।

इस अवसर पर केन्‍द्रीय मंत्री मेघवाल ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने कहा कि इक्कीसवीं सदी भारत की होगी। उन्‍होंने कहा कि डॉ. कलाम के इस सपने को साकार करने में विद्यार्थियों की भूमिका अत्यंत महत्त्वपूर्ण है।

श्रीरामसर की राजकीय सीनियर सैकण्डरी स्कूल में सीएसआर मद के तहत वेदांत सेनर्जी प्राइवेट लिमिटेड की ओर से तैयार पहली ‘डिजिटल स्मार्ट क्लास’ के शुभारम्भ के दौरान उन्होंने कहा कि आज शिक्षा के क्षेत्र में नित नए आयाम स्थापित हो रहे हैं।

नए-नए माध्यमों से शिक्षार्जन करवाया जा रहा है। जिले के बच्चे भी ऐसी नई तकनीकों से जुड़ सकें और सुनहरा भविष्य बना सकें, इसे ध्यान रखते हुए यह शुरुआत की गई है। उन्होंने बताया कि आॅडियो-विजुअल तथा ग्राफिक्स आदि के माध्यम से बच्चे विषय को अधिक आसानी से समझ सकेंगे।

उनका कहना था कि बच्चों को चरित्रवान और संस्कारवान बनाएंगे तो देश अपने आप विकसित राज्यों की श्रेणी में खड़ा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि डिजिटल क्लास से पढ़ाने का टाइमटेबिल निर्धारित किया जाए तथा नियमित रूप से इसके माध्यम से शिक्षार्जन करवाया जाए।

वेदांत सेनर्जी के निदेशक संदीप गुप्ता ने कहा कि इससे अध्यापकों की पढ़ाने तथा बच्चों की पढ़ने की क्षमता में वृद्धि होगी। कंपनी द्वारा सीएसआर के तहत शिक्षा से जुड़ा कार्य करवाया जाना उनके लिए गर्व की बात है।

कार्यवाहक जिला शिक्षा अधिकारी सुनील बोड़ा ने बताया कि डिजिटल स्मार्ट क्लास के माध्यम से राजस्थान बोर्ड के समूचे पाठ्यक्रम का अध्ययन करवाया जाएगा। ग्रामीण परिवेश से लगते स्कूल में यह नवाचार होना अधिक सार्थक है।

शिक्षा निदेशालय के सीएसआर प्रकोष्ठ के दिलीप परिहार ने डिजिटल क्लास की परिकल्पना, राज्य सरकार द्वारा इस दिशा में किए जा रहे कार्यों तथा भावी योजना के बारे में बताया। इस अवसर पर पार्षद सरलादेवी, प्रधानाध्यापक विनोद कल्ला, डॉ. कृष्णा आचार्य सहित स्थानीय नागरिक मौजूद थे।

स्‍कूलों में अब चौक नहीं क्लिक चलेगा

जिले के सरकारी स्कूलों में भी अब ‘ब्लैक बोर्ड’ के स्थान पर ‘डिजिटल बोर्ड’ से पढ़ाई होगी। अध्यापक चॉक’ की बजाय विशाल स्क्रीन पर ‘क्लिक’ कर बच्चों को आडियो-विजुअल माध्यम से समझाएंगे, तो सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए भी ‘डिजिटल स्मार्ट क्लास’ का यह कांसेप्ट रोचक और नयापन लिए होगा।