विभिन्न संस्थाओं ने दिवंगत विभूतियों को किया नमन

Various institutions pay homage to the deceased personalities

बीकानेर, (samacharseva.in)  विभिन्न संस्थाओं ने दिवंगत विभूतियों को किया नमन, संगीतज्ञ केशव तलेगांवकर, आसकरण सांखला, समाजसेवी जमनादास सेवग के आकस्मिक निधन पर श्रद्धाजंलि सभा की गई। सभा में सखा संगम के चंद्रशेखर जोशी ने कहा कि कुछ विभूुतियां इस जहां में सबका भला करने के लिये आती है और अपना कार्य पूरी निष्ठा से करके जल्दी विदा हो जाती हैं।

पीछे रह जाती है उनकी अमिट यादें। संगीत भारती की प्राचार्य डॉ.कल्पना शर्मा ने कहा केशव तलेगांवकर डॉ.मुरारी शर्मा के शिष्य थे। स्व. तलेगांवकर ने आगरा में लगभग साठ वर्षों से अधिक समय संगीत साधना में रत रहकर संगीत की नई पौध तैयार की। शब्दरंग साहित्य एवं कला संस्थान के सचिव राजाराम स्वर्णकार ने कहा कि लोक कला मर्मग्य जमानादास सेवग ने मद्रास में रहकर राजस्थानी का परचम फहराया वे लोक कलाओं के ज्ञाता थे।

कथाकार अशफाक कादरी ने कहा कि तीनों ही विभूतियों ने ऐसा रचना संसार रचा कि याद आए बगैर रह नहीं सकती। भगवती संगीत संस्थान के ज्ञानेश्वर सोनी ने कहा कि आसकरण सांखला संगीत के मौन साधक थे।

संगीत भारती के उपाध्यक्ष मोहनलाल मारू, एन.डी.रंगा, राजेन्द्र जोशी, अब्दुल शकूर सिसोदिया, कनय शर्मा, सांवरिया, ब्रजगोपाल जोशी, नागेश्वर जोशी, एडवोकेट हीरालाल हर्ष, पूर्व पार्षद खूमराज पंवार, शिक्षाविद कैलाश रतन कट्टा, भगवानदास पडिहार, प्रेरणा प्रतिष्ठान के प्रेमनारायण व्यास ने भी  अपनी भावांजलि प्रस्तुत की।