तिल का ताड़…

PANCHNAMA-USHA JOSHI DAINIK NAVJYOTI BIKANER-1
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पंचनामा : उषा जोशी

तिल का ताड़…

PANCHNAMA-USHA JOSHI DAINIK NAVJYOTI BIKANER-1
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तिल का ताड़ बनाना तो कोई खादीधारियों से सीखें। जांगळ देश के एक चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी जो टिकट कटने और बाद में वापस मिलने पर जनता के रिस्पांस से काफी गद्गद् थे,

अपनी खुशी बांटने के लिये अपने ही इलाके के एक पाटे पर चढ़कर अपनी बात कहने वाले थे कि एक जोश में भरा कार्यकर्ता भाई नारा लगाने को बेसब्र हुए जा रहा था,

कार्यकर्ता भाई ने जैसे ही भार…….नारा की हुंकार भरी, प्रत्याशीजी ने समझा कोई कार्यकर्ता हल्ला कर रहा है,

उन्होंने हाथ के इशारे से उसे रोका, फिर नेताजी ने मूड बदल कर पहले नारा लगाने वाले कार्यकर्ता भाई को नारा लगाने की छूट दे दी।

कार्यकर्ता भाई ने अपना पहले वाला नारा भूलकर प्रत्याशीजी को खुश करने के लिये चुन-चुन कर उनकी पार्टी के नेताओं के जिंदाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिये।

सभी लोग खुश थे, प्रत्याशीजी को टिकट जो मिला था। कार्यकर्ताओं ने वीडियो भी बनाया और खुशी खुशी सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया।

बस आगे पूरे देश में हंगामा मच गया। वहीं कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अब उसी अधूरे नारे के मामले में पीएम को भी घेरना शुरू कर दिया है।

नानी नहीं मामा याद आ रहा है…

PANCHNAMA-USHA JOSHI DAINIK NAVJYOTI BIKANER-2
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अनोखे इलाके में एक महिला उम्मीदवार को नानी की याद तो नहीं आ रही मगर मामा जरूर याद आ रहा है।

कभी मामाजी की पार्टी में रही यह भानजी इन दिनों मामा के सामने ही चुनाव मैदान में है और पानी पी पी कर मामा व उसकी पार्टी को कोस रही है।

भानजी व उसके ससुराल का परिवार मामाजी की राजनीतिक कलाकारी से दुखी बताई जा रही है।

दुखी भानजी ने कुछ महीनों पहले मीडिया को भी अपने घर बुलाकर मामा को कोसी जा सकने वाली सारी बातें कह दी थी।

उन्हीं बातों को वे अपनी सभाओं में दोहरा रही हैं। भानजी अपने जनसंपर्क में मामाजी शब्द के जितने भी बुरे करेक्टर रामायण महाभारत काल से लेकर अब तक हुए हैं उन सब का उच्चारण कर अपने पक्ष में वोट मांग रही है।

हां मामाजी बहुत ही सहनशील रहे हैं। मामाजी ने अब तक एक भी शब्द भानजी के खिलाफ नहीं बोला है।

काश भानजी मामा से राजनीतिक पैंतरे तथा सहनशक्ति भी अच्छी तरह से सीख लेती तो आज उनके सामने खड़े होने की नौबत नहीं आती।

शहरी खादीधारियों की असमंजस

PANCHNAMA-USHA JOSHI DAINIK NAVJYOTI BIKANER-3
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शहर में चुनावी टिकट को लेकर हुई कलाबाजियां अब तक वर्तमान प्रत्याशिश्यों को परेशान कर रही है।

एक उम्मीदवार को पहले उस विधानसभा क्षेत्र से टिकट दे दिया जिसका उसने मांगा नहीं। फिर उसका टिकट काटकर उस जगह का टिकट दे दिया जिसका उसने मांगा था।

फिर पहले टिकट की भांति उसका दूसरा टिकट भी वापस छीन लिया। यहीं नहीं एक दूसरे विधानसभा क्षेत्र के प्रत्याशी को भी पहले उसकी इच्छा के खिलाफ दूसरे विधानसभा क्षेत्र से टिकट दे दिया।

फिर उसका टिकट काट दिया। फिर उसे वापस टिकट दे दिया। इस रामायण, महाभारत से प्रत्याशी व  मतदाता दोनों भ्रमित रहे।

अब सब ठीक करने का प्रयास जारी है। अब देखना है कि जनता पार्टी को ठीक करती है या खुद ठीकठाक समझ पाती है कि माजरा था क्या।