केवल 10 प्रतिशत लोग कर रहे हैं लाइब्रेरी का इस्तेमाल : प्रो. उमेश

Only 10 percent of people are using libraries: Prof. Umesh
Only 10 percent of people are using libraries: Prof. Umesh

बीकानेर, (समाचार सेवा)। केवल 10 प्रतिशत लोग कर रहे हैं लाइब्रेरी का इस्तेमाल : प्रो. उमेश, डॉ. बी. आर. अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा के प्रो. उमेश चंद शर्मा ने कहा कि आज देश डिजिटलाइजेशन युग में पदार्पण कर चुका है मगर  अफसोस की बात यह है कि केवल 10 प्रतिशत लोग लाइब्रेरी का इस्तेमाल कर रहे हैं।  इसमें सुधार की महती आवश्यकता है।

डॉ. उमेश बुधवार को महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय बीकानेर केंद्रीय पुस्तकालय द्वारा इमर्जिंग ट्रेंड्स ऑफ लाइब्रेरी एंड इंफॉर्मेशन साइंस विषय पर एक दिवसीय राष्‍ट्रीय वेबिनार को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सूचनाओं की मार्केटिंग लाइब्रेरी साइंस में महत्वपूर्ण अवयव साबित होती है।

प्रो. उमेश ने कहाकि पहले के समय में शिलालेख, दानपत्रों आदि पर सूचनाओं का दस्तावेजीकरण किया जाता था। इन्हे आज भी शोध कार्य में प्राथमिक स्रोत के रूप में काम में लिया जाता है। फिर पांडुलिपि आई और आज वह दौर है जब हम डिजिटलाइजेशन के युग में पदार्पण कर चुके हैं, किंतु केवल 10 प्रतिशत लोग लाइब्रेरियों का इस्तेमाल कर रहे हैं।

समारोह की अध्यक्षता करते हुए महाराजा गंगासिंह विवि के कुलपति प्रोफेसर विनोद कुमार सिंह ने कहा कि लाइब्रेरी साइंस का भविष्य उज्जवल है। उन्होंने कहा कि आज डॉक्युमेंट्स को सहेजने के महत्वपूर्ण कार्य को सजगता से संचालित करने की आवश्यकता है।

राष्‍ट्रीय ऑनलाइन संगोष्ठी की संयोजक व इतिहास विभाग की एसोसियेट प्रो. डॉ मेघना शर्मा ने कहा कि आज यह भांति है कि लाइब्रेरी साइंस विषय में कोई भविष्य नहीं है किंतु यदि दस्तावेजीकरण के परिप्रेक्ष्य पुस्तकालयों को देखा जाए तो उनका आंकलन, अभिलेखागारों के ही भाति उच्च कोटि के संस्थानों में किया जाता है।दिल्ली विश्वविद्यालय के लाइब्रेरी साइंस विषय के प्रोफेसर के पी सिंह ने कहा कि रिसर्च और लर्निंग में लाइब्रेरी की बहुत अहम भूमिका है।

उन्होंने कहा कि नैक जैसी संस्थाओं की सिफारिशें संस्थानों के पुस्तकालयों की स्थिति पर बहुत हद तक निर्भर करती है। उन्होंने दस्तावेजीकरण के विभिन्न आयामों पर चर्चा करते हुए पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से अपनी बात रखी।

इससे पूर्व स्वागत भाषण में आइक्यूएसी के डायरेक्टर प्रो. सुरेश कुमार अग्रवाल ने कहा कि इस तरह के विषय आज के दौर में महत्वपूर्ण तब हो जाते हैं जब राष्‍ट्रीय शिक्षा नीति में इस तरह के विविध विषयों के महत्व और विकास को प्रतिपादित किया जाता है।

आयोजन सचिव पुस्तकालय अध्यक्ष महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय उमेश शर्मा द्वारा अतिथियों का परिचय पढ़ा गया। अनिल चौधरी ने आभा जताया। तकनीकी कोऑर्डिनेटर की भूमिका अमरेश कुमार सिंह ने निभाई।