तन, मन, धन से करेंगे राजस्थानी भाषा के संवर्धन के प्रयास, ली शपथ

Padmashree Sitaram Lalas
nehru Sharada Vidyapeeth College campus 3

बीकानेर, (समाचार सेवा)।राजस्थानी भाषा के प्रथम राजस्थानी शब्दकोश के रचयिता पद्मश्री सीताराम लालस की जयंती एवं पुण्यतिथि पर नेहरू शारदा विद्यापीठ महाविद्यालय परिसर में हुए आयोजन में शामिल राजस्थानी भाषा प्रेमियों ने तन, मन, धन से राजस्थानी भाषा साहित्य के संवर्धन और मान्यता के लिये हर संभव प्रयास करने तथा आमजन को भी इसके लिए प्रेरित करने की शपथ ली।

नेहरु शारदा पीठ महाविद्यालय बीकानेर व राजस्थानी मोट्यार परिषद के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित इस कार्यक्रम में महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय की राजस्थानी विभाग की प्रभारी डॉ मेघना शर्मा,

 एनएसपी महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. प्रशांत बिस्सा तथा राजस्थानी विभाग के विभागाध्यक्ष एवं मोट्यार परिषद के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ गौरीशंकर प्रजापत, राजस्थानी मोट्यार परिसद के बीकानेर संभाग अध्यक्ष डॉ. हरिराम बिश्नोई के नेतृत्व में प्रतिभागियों ने सीतारामजी द्वारा रचित राजस्थानी शब्दकोश पर हाथ रखकर शपथ ली

शपथ में प्रतिभागियों ने सीताराम लालस के जीवन परिचय से रूबरू होते हुए यह प्रतिज्ञा की कि हम पूरे तन, मन, धन से राजस्थानी भाषा साहित्य के संवर्धन और मान्यता के लिये हर संभव प्रयास करेंगे और आमजन को भी

इसके लिए प्रेरित करेंगे। कार्यक्रम में वक्ताओं ने बताया कि राजस्थानी भाषा के शब्दकोश में ढाई लाख शब्दों का एकत्रीकरण कर सीतारामजी ने राजस्थानी साहित्य को अमर कर दिया, हम सब को उन शब्दों को सहेजना और उनको बोलचाल की भाषा मे उपयोग में लेना चाहिए।

आयोजन में डॉ दिनेश सेवग, डॉ. समीक्षा व्यास, उपाध्यक्ष मोट्यार परिषद सरजीत सिंह, मुकेश रामावत, प्रशांत जैन, डॉ. गोपालकृष्ण व्यास, डॉ. मुकेश किराडू, डॉ. यज्ञेश नारायण, राजकुमार पुरोहित, राजेश पुरोहित, रश्मि आचार्य, हेमा पारीक, जगदीश जोशी आदि उपस्थित रहे।