जयपुर फुट लगाकर शान से जी रहे हैं 30 देशों के दिव्‍यांग

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बीकानेर, (समाचार सेवा) जयपुर फुट लगाकर शान से जी रहे हैं 30 देशों के दिव्‍यांग। विश्‍व के 30 देशों के दिव्‍यांग गुलाबी शहर जयपुर में निर्मित कृत्रिम अंग ‘जयपुर फुट’ लगाकर आज सम्‍मान से और शान से जीवन जी रहे हैं। जयपुर फुट पर एक विशेष प्रदर्शनी इन दिनों न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र संघ के स्थानीय मुख्यालय भवन की गैलरी में चल रही है।

प्रदर्शनी का आयोजन  संयुक्त राष्ट्र संघ के सान्निध्य में भारत के संयुक्त राष्ट्र में स्थायी प्रतिनिधि मिशन और ‘जयपुर फुट, अमेरिका’ द्वारा किया गया है। प्रदर्शनी  को अब तक हज़ारों अमेरिकी और अन्य देशों के पर्यटकों ने उत्सुकता से देखा है। प्रदर्शनी में जयपुर कृत्रिम अंग की उपयोगिता और उसके  लाभ की पचास वर्षों की कहानी प्रदर्शित की गयी है।

संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन बताते हैं, ‘जयपुर  फुट’ भारत का पहला ऐसा उत्पाद है जिसके प्रदर्शन की स्वीकृति संयुक्त राष्ट्र संघ ने केवल इस कारण दी है क्यों कि मानव सेवा के क्षेत्र में ‘जयपुर फुट’ की अद्भुत भूमिका है।

न्‍यूयार्क में ‘विक्लांगता’ पर हुई संगोष्ठी में संयुक्त राष्ट्र में अनेक देशों के प्रतिनिधियों के बीच ‘जयपुर फुट’ की उत्पादक संस्था भगवन महावीर विकलांग सहायता समिति के संस्थापक और मुख्य संरक्षक डी आर मेहता ने बताया कि कि भारतीय विदेश मंत्रालय के सहयोग से प्रति वर्ष विदेशों में विशेष शिविरों के आयोजन से 5 हज़ार दिव्यांगों के पैर लगाए जाएंगे।

इसकी शुरुआत अगले माह वियतनाम में शिविर लगा कर की जायेगी। इसके बाद इराक, म्यानमार, नेपाल और बांग्ला देश में शिविरों का आयोजन होगा। जयपुर फुट-यू एस ए द्वारा आयोजित इस समारोह की मेज़बानी संस्था के उपाध्यक्ष मनीष ढड्डा ने की। राज्य सभा सांसद नारायण पांचोरिया ने संसद कोश से 25 लाख रूपए का अनुदान  ‘जयपुर फुट’ को देने की घोषणा की।

युवा अशिता ढड्डा ने अमेरिका में जयपुर फुट की सहयता के लये किये गए प्रयासों का विवरण दिया। संगोष्‍ठी के दौरान अमेरिका के ह्यूस्टन शहर में रह रहे व्यवसायी राजीव डागा और नीता डागा ने ‘जयपुर फुट’ के लिए एक करोड़ 35 लाख रुपए के सहयोग की घोषणा की। डागा परिवार प्रति वर्ष ‘जयपुर फुट’ को आर्थिक सहयोग देता रहा है।

संगोष्ठी में राज्य सभा सदस्य डॉ विनय सहस्रबुद्धे, राज्य सभा में भारतीय जनता पार्टी की मुख्य सचेतक नारायण लाल पंचारिया तथा जम्मू-कश्मीर के मंत्री एस ए कोहली सहित न्यू यॉर्क में रहने वाले भारतीय भी उपस्थित थे।

संगोष्‍ठी में नाइजीरिया के नागरिक जॉन माटेस ने, जिन्हें जयपुर फुट के कारण चलना-फिरना संभव हुआ है, विदेशी प्रतिनिधियों के बीच चल कर प्रदर्शन किया। उन्‍होंने बताया कि उनका ‘जयपुर पैर’ विदेशों में बनने वाले 15 लाख रूपए की कीमत वाले कृत्रिम पैर से कहीं ज्यादा उपयोगी है।

उल्लेखनीय है कि ‘जयपुर फुट’ ब्रांड के पैर की कीमत भारत में सिर्फ 30 डॉलर है। जयपुर में ज़रूरतमंद दिव्यांगों को यह निःशुल्क लगाया जाता है।  ‘जयपुर फुट, यू एस ए’ के अध्यक्ष प्रेम भंडारी ने भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्हीं के प्रयासों से ‘जयपुर फुट’ के पचास वर्ष की गौरव गाथा को आज विश्व भर में प्रसिद्धि मिल रही है।

जयपुर फुट के बाद अब जयपुर हैंड बनाने की तैयारी

‘जयपुर फुट’ की उत्पादक संस्था भगवन महावीर विकलांग सहायता समिति के संस्थापक और मुख्य संरक्षक डी आर मेहता ने घोषणा की कि ‘जयपुर फुट’ के बाद अब कृत्रिम हाथ ‘जयपुर हैंड’ का निर्माण किया जाएगा।

मेहता ने यह घोषणा इन दिनो न्‍यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र संघ के स्थानीय मुख्यालय भवन की गैलरी में चल जयपुर फुट की एक प्रदर्शनी के दौरान की है।

उन्‍होंने बताया कि अमेरिकी विश्वविद्यालयों में जयपुर हैंड पर शोध हो रहा है और उच्च गुणवत्ता वाले इस कृत्रिम हाथ से मानव सेवा शीघ्र शुरू होगी।