सरपंच संघ नोखा की चेतावनी साजिया का निलंबन निरस्‍त नहीं हुआ तो पंचायत चुनाव में कांग्रेस को होगा भारी नुकसान

If the suspension of Sajia's is not nullified then Congress will suffer a huge loss in the panchayat elections - Sarpanch Sangh Nokha

बीकानेर, (samacharseva.in)। सरपंच संघ नोखा की चेतावनी साजिया का निलंबन निरस्‍त नहीं हुआ तो पंचायत चुनाव में कांग्रेस को होगा भारी नुकसान, सरपंच संघ नोखा ने मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत को ज्ञापन भेजकर चेता दिया है कि यदि नोखा की निलंबित बीडीओ साजिया तब्‍बसुम का निलंबन जल्‍द से जल्‍द निरस्‍त कर साजिया तब्‍बसुम को बहाल नहीं किया गया तो सरपंच चुनाव में कांग्रेस को भारी नुकसान उठाना पडेगा।

इन सरपंचों का कहना है कि राज्‍य सरकार ने भाजपा से कांग्रेस में आये खाजूवाला के विधायक व भाजपा का समर्थन करने वाले नोखा के 8-9 सरपंचों की झूठी शिकायतों के आधार पर आनन-फानन में नोखा बीडीओ पद से साजिया तब्‍बसुम को निलंबित किया है, जो बिलकुल भी उचित नहीं है। इन सरपंचों का कहना है कि ग्रामीण विकास एंव पंचायतीराज विभाग दवारा जब से नोखा बी‍डीओ साजिया तब्‍बसुम को निलंबित किया गया है इसे लेकर नोखा में सरपंचों सहित पंचायत समिति कार्मिकों व आम लोगों में भारी रोष है।

ज्ञापन पर नोखा के 30 सरपंचों के हस्‍ताक्षर हैं। वहीं, नोखा पंचायत समिति के सभी कार्मिकों तथा ग्राम विकास अधिकारी संघ नोखा ने भी एसडीएम के माध्‍यम से मुख्‍यमंत्री को भेजे ज्ञापन में बताया है कि अकारण ही नोखा बीडीओ को निलंबित किए जाने से समिति के अधिकारी-कार्मिकों में भय व्‍याप्‍त है। साथ ही सभी कार्मिक राजनीतिक दबाव में काम करने को मजबूर हो गए हैं। सीएम गहलोत को भेजे गए इन ज्ञापनों में पंचायत समिति नोखा की विकास अधिकारी साजिया तब्‍बसुम का निलंबन तुरंत निरस्त करने की मांग का आग्रह किया गया है।

इन ज्ञापनों में कहा गया है कि अकारण की गई शिकायत की जांच होने से पूर्व ही नोखा विकास अधिकारी को निलम्बित कर अनजाने मे ही विपक्षी पार्टी के नेताओं, कार्यकर्ताओं का हौंसला बढाया गया है। इससे आने वाले पंचायतराज के चुनावों में कांग्रेस पार्टी को इसका भारी नुकसान उठाना पड सकता है। ज्ञापन में बताया गया कि खाजूवाला विधायक गोविन्‍द मेघवाल का पंचायत समिति नोखा से कोई लेना-देना नहीं है। साजिया तब्बसुम पंचायत समिति नोखा में विकास अधिकारी के पद पर पिछले लगभग डेढ वर्ष से पदस्थापित है।

इस दौरान सरपंच चुनाव व कोरोना संकमण काल में सराहनीय कार्य किया है। साजिया पर अनियमितता का एक भी आरोप नहीं है। शिकायतकर्ता सरपंचों में से अधिकांश की शिकायत ग्राम पंचायत का रिकॉर्ड नहीं देने की थी जो ग्राम विकास अधिकारी की अभिरक्षा में ग्राम पंचायत भवन में रहता है। पंचायत समिति में ग्राम पंचायतों का कोई रिकॉर्ड नहीं रहता। विकास अधिकारी दवारा पंचायत समिति की सभी ग्राम पंचायतों में रोजगार उपलब्ध करवाने हेतु मनरेगा के तहत श्रमिक नियोजन करवाया गया है।

ज्ञापन में साजिया तब्‍बसुम का निलंबन निरस्त कर प्रकरण की पूर्ण जांच करवाने की मांग की गई है।

सरपंच संघ का ज्ञापन

सरपंच संघ की ओर से भेजे गए ज्ञापन में 30 सरपंचों के हस्‍ताक्षर हैं। इनमें जसरासर सरपंच रामनिवास, मुकाम सरपंच कुनी, गुन्दूसर सरपंच गोदावरी, मंसूरी सरपंच संग्रामराम हुड्‌डा, नोखागांव सरपंच पुरखाराम, मैनसर सरपंच रूकमा, हिंयादेसर सरपंच रेवंती, माडिया सरपंच मोहनी, साधासर सरपंच काननाथ, धुपालिया सरपंच मांगूराम, जैसलसर सरपंच बिदामी, लालासर सरपंच तोलाराम, थावरिया सरपंच चुनाराम,

सुरपूरा सरपंच भंवरलाल, उत्तमामदेसर सरपंच फूसी, गजरूपदेसर सरपंच गोपाल, रोड़ा सरपंच ओमकंवर, रायसर सरपंच मैना कंवर, झाड़ेली सरपंच राधा, मोरखाणा सरपंच लालाराम, लालमदेसर छोटा सरपंच किस्तुरी, लालमदेसर बड़ा सरपंच कैलाश, बीकासर सरपंच जोगेश्वरी,  सिनियाला सरपंच सुखदेव,  कुचौर आथुणी बनवारी,  कुकणिया सरपंच सुखी,  कुचौर अगुणी सरपंच पूजा,  बिलनियासर सरपंच कानी,  सिंजगुरु सरपंच अजीतसिंह  के नाम शामिल हैं।

पंचायत समिति कार्मिकों ज्ञापन

पंचायत समिति कार्मिकों की ओर से दिये गए ज्ञापन में ग्राम विकास अधिकारी संघ नोखा के अध्यक्ष रामकुमार चौधरी, ग्राम विकास अधिकारी हरिकिशन तर्ड, लोकेश दुबे, रामनिवास भादू, गोविंदराम भादू, कैलाश व्यास, सुरेश कुमार, धीरेन्द्र कुमार, सियाराम, दीपचंद मीणा, नरेन्द्रसिंह, राधाकिशन, नरसीराम, संतोष भादू, सुशील शर्मा, प्रभास चौधरी, राकेश बिश्नोई, राजेन्द्र स्वामी, जेठमालसिंह, भंवरलाल, राजूराम गोदारा, सौहल शर्मा, बजरंगलाल, जगदीश प्रसाद, रामकुमार व्यास आदि कार्मिकों के हस्‍ताक्षर हैं।