बोर्ड परीक्षा के लिये गांवों के विद्यार्थियों को दूर नहीं जाना पड़े ऐसी करेंगे व्यवस्था : किराडू

umashankar kiradu
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बीकानेर, (samacharseva.in)। बोर्ड परीक्षा के लिये गांवों के विद्यार्थियों को दूर नहीं जाना पड़े ऐसी करेंगे व्यवस्था : किराडू, जिले के दूर दराज इलाकों के विद्यार्थियों को बोर्ड की परीक्षा के लिए दूर नहीं जाना पड़े इसके लिए परीक्षा केंद्र विद्यार्थियों की पहुंच में रखने के समग्र प्रयास किये गए हैं।

जिला शिक्षा अधिकारी, माध्यमिक (मुख्यालय) उमा शंकर किराडू ने samacharseva.in से बातचीत में बताया कि जिन विद्यालयों में परीक्षा केंद्र नहीं हैं और बच्चो को पैदल चल कर काफी दूर परीक्षा देने जाना पड़ता है ऐसे विद्यालयों को चिन्हित करके परीक्षा केंद्र खोले जा चुके है, अगर फिर भी कोई ऐसे गांव राह गए हैं तो वहां प्राथमिकता से परीक्षा केंद्र बनाने के लिए माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से आग्रह किया जाएगा।

किराडू ने बताया कि बीकानेर जिला विषम भौगोलिक परिस्थितियों एवम दुर्गम स्थलों वाला रेगिस्तानी जिला है जहां विगत वर्षों में बड़ी संख्या में विद्यालय खुले हैं और भौॅगोलिक स्थितियों को देखते हुए ही परीक्षा केंद्र भी बने हैं फिर भी विभाग के ये पूर्ण प्रयास है कि किसी भी विद्यार्थी को बहुत दूर चल कर परीक्षा केंद्र तक नहीं जाना पड़े।

उल्लेखनीय है कि बीकानेर जिले में आज भी ऐसे कुछ गांव हैं जहां सीनियर सेकंडरी स्कूल होते हुए भी परीक्षा केंद्र नहीं है और विद्यार्थियों को काफी दूर तक परीक्षा देने जाना पड़ता है। कोलायत एवम लूणकरणसर में ऐसे स्थानों की बहुलता है। लूणकरणसर तहसील के दूरस्थ गांव मकड़ासर के करीब 100 से अधिक विद्यार्थी परीक्षा देने के लिए 27 किलोमीटर दूर राजासर भाटियान कच्चे रास्ते में भटकते हुए जाते हैं और यह स्थिति आज से नहीं वर्षों से है

जब परीक्षा करीब आते ही मकडासर, बींझरवाली, मूसलकी, कस्तूरिया, हापासर आदि गांवों के बच्चों एवम अभिभावकों की परेशानी बढ़ जाती है। परीक्षा के करीब आते ही ग्रामीण अभिभावकों के लिए बड़ी समस्या उठ खड़ी होती है, विशेषकर लड़कियों को परीक्षा दिलवाने के काम में परिजनों को व्यस्त होना पड़ता है जिससे जहां उनके काम धंधे ठप होते हैं।

विद्यार्थियों को भी मानसिक एवक शारीरिक समस्या झेलनी पड़ती है। राजस्थान सेकंडरी एलीमेंट्री शिक्षक संघ के महासचिव शिवकरण सिंह राठौड़ ने बताया कि परीक्षा केंद्र विद्यार्थी की आसान पहुंच में होने से उनकी बुद्धि लब्धि में सकारात्मक प्रभाव पड़ता है और बच्चे बहुत आसानी से अपना मानसिक स्तर मेंटेन रख सकते हैं लिहाजा परीक्षा केंद्र का दूर होना किसी भू स्थिति में स्वीकार्य नही कहा जा सकता।

राठौड ने बताया कि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से जारी होने वाली बोर्ड केंद्रों की सूची का अवलोकन गंभीरता से किया जाएगा और आवश्यकता वाले गांवों में परीक्षा केंद्र स्वीकृत नही होने पर शिक्षा विभाग एवम बोर्ड कार्यालय से संपर्क कर केंद्र खुलवाए जाएंगे।