चुनाव घोषणा बनाम *कंडीशन अप्लाई

PANCHNAMA - USHA JOSHI DAINIK NAVJYOTI 7 JAN. 2019

जांगळ देश में रेलवे फाटकों से लगने वाले जाम सहित कई समस्याओं से लोग वर्षों से परेशान हैं।

खादीधारी हर बार इन समस्याओं के निदान का भरोसा देकर वोट हासिल करते रहे हैं मगर जब सरकार में आते हैं तो जनता को पहाड़े डालना शुरू कर देते हैं।

अब रेलवे फाटक से लगने वाली जाम की समस्या के बारे में कहा जा रहा है कि जब केन्द्र में भी हमारी सरकार आएगी तब रेलबाईपास बनवा देंगे।

बिजली निजीकरण पर कहा जा रहा है कि पिछली सरकार ने निजी कंपनी से लंबे समय का अनुबंध करवा रखा है।

शहर के दो प्रमुख महाविद्यालयों को स्थानीय विश्वविद्यालय का संघटक कॉलेज बनाने के लिये कहा जा रहा है कि नियम पता कर रहे हैं।

सरकार में आते ही तुरंत काम करवाने के वादे करने वाले खादीधारी अब हर बात पर सरकारी भाषा में जवाब देने लगे हैं। अरे सरजी अपने घोषणा पत्र में ही

*स्टार लगाकर एक छोटा सा शब्द लिख देते * कंडीशन अप्लाई। लोगों को अधिक परेशानी नहीं होती। और सुनो, घोषणा पत्र पांच साल के लिये बनाया हुआ है।

एक साल में आपको कुछ फर्क दिखने लगेगा। कस्मे वादे, प्यार वफ सब वादे हैं वादों का क्या?

मंत्रीजी ने जमाईराजा को दी क्लिन चिट

हाथ वाली पार्टी की मुखिया रही मैडम के जवाई को क्लिन चिट देने में जांगळ देश से राज्य मंत्रिपरिषद में मंत्री बनाये गए युवा खादीधारी ने तनिक भी देर नहीं की।

मंत्री बनने के बाद अपने गृहजिले में कलमकारों के सवालों का जवाब देते देते, ‘जमाईराजा’ को क्लिन चिट दे गए।

मंत्रीजी ने यह दावा भी कर दिया कि जमाईराजा अगर दोषी होते तो तत्कालीन सरकार उनको कब का अपना शिकार बना चुकी होती।

मंत्रीजी के अनुसार तत्कालीन सरकार बदला लेने की कार्रवाई की माहिर मानी जाही है, उसने सभी एजेन्सियों के जरिये जमाईराजा को फंसाने का प्रयास किया मगर वे नहीं फंसे।

मंत्री ने उलटे दावा किया कि विपक्षी पार्टी के इतने घोटाले हैं कि उनको उंगलियों पर गिनना मुश्किल है।

अच्छी सीट पाने की जुगत

नई सरकार बनने के साथ ही सरकारी कारिंदों में भी अच्छी सीट पाने की होड़ मची हुई है।

कई होशियार सरकारी कारिंदे गुप्त रूप से चुन चुन कर अच्छे पदों की सूचियां बना रहे हैं वे ऐसी अच्छी सीटों पर जल्द से जल्द जम जाना चाहते हैं

इसीलिये क्षेत्र के अपने विधायक, राज्य मंत्री, केबिनेट मंत्री पर दबाव डाल रहे हैं कि वे उनके खोजे गए लाभ वाले पद पर जल्द उनको बिठा दें नहीं तो रिक्त पद सार्वजनिक होने पर दावेदारों की होड़ लग जाएगी।

कई सरकारी कारिंदे ऐसे भी हैं जिन्होंने बाकायदा यह पता करना शुरू कर दिया है कि मलाई वाली पोस्ट पर अब तक कितने आवेदन किए जा चुके हैं

और मंत्रीजी का इंटरेस्ट क्या है, जैसे ही उन्हें मंत्रीजी का टेस्ट समझ में आ जाएगा वे लपक कर अपना ट्रांसफर उस पोस्ट पर करवा लेंगे।