एक अनार सौ बीमार

PANCHNAMA 9 JULY 2018
PANCHNAMA 9 JULY 2018

पंचनामा : उषा जोशी

* एक अनार सौ बीमार

एक अनार सौ बीमार, जब से खाकीधारियों को पता चला है कि शहर के बीछवाल थाने पर तो एक नई महिला खाकीधारी का कब्जा होना तय माना जा रहा है तो खलबली मची हुई है।

सुना है थाने के वर्तमान थानेदारजी जिनको चुनाव आयोग के आदेश के चलते जल्द ही थाने से विदा होना होगा वे भी अपनी पसंद के व्यक्ति को यहां थानेदार देखना चाहते हैं।

जबकि प्रदेश की मुख्यिा के महिला होने, क्षेत्र की विधायक के महिला होने के चलते इस थाने में महिला थानेदार को बागडोर शायद दी भी जा सकती है।

इसके चांस अधिक होते देख पुरुष खाकीधारी जबरदस्त सक्रिय हो गए हैं। सभी जानते हैं कि शहर में कोटगेट थाने के बाद खाकीधारियों में थानेदारी करने के लिये सबसे पहली पसंद का थाना बीछवाल थाना है।

इस थाने की थानेदारी पाने के लिये एसआई व सीआई साम, दाम, दण्ड, भेद अपनाकर थाने को हथियाना चाहता है। यहां थानेदारी पाने के लिये सीआई एसआई सत्ताधारी खादीधारियों व आलाखाकीधारियों के हजार चक्कर लगाने में भी नहीं थकते हैं। उन्हें पता है अच्छा थाना पाने के बाद सारी थकान जल्द दूर हो जाती है। देखते हैं इस बार ऊंट किस करवट बैठता है।

* आधे इधर, आधे उधर से तंग हुए सीआई साहब

शहर के लोगों को आधे इधर-आधे उधर का आदेश देते देते बोर हो चुके एक सीआई साहब अब किसी थाने की थानेदारी पाकर राज करना चाहते हैं।

सुना है इसके लिये सीआई साहब ने खुद तो ताबड़तोड़ कोशिशें शुरू कर ही दी है। साथ ही उनको उनके ही समाज के खाकीधारियों ने भी अच्छा थाना दिलवाने के लिये कमर कस ली है।

वैसे खाकी महकमे के लोग बताते हैं कि सीआई साहब वर्तमान टाइगर से पहले वाले टाइगर के काफी नजदीक माने जाते थे।

उस समय उनको सफेद सोने की खान वाला थाना भी मिल गया, बाद में पता नहीं क्या हुआ कि सीआई साहब को पूर्व टाइगर ने आधे इधर-आधे उधर बाकी मेरे पीछे वाले काम में लगा दिया।

सीआई साहब की पहुंच भी काफी बताई जाती है, ऐसे में वे जल्द थाना पा लेंगे ऐसा प्रचार करने वाले उनके लोगों सहित और भी बहुत से लोग हैं। ये लोग साहब की खुबियों व हकीकत से भली प्रकार से वाकिफ भी हैं।

लोग कहते हैं कि सीआई साहब फील्ड में रहकर जनता के सामने काम करने के लिये किसी भी हद तक जाकर सिफारिश करवाने का मादा रखते हैं।

वैसे भी वर्तमान कार्य में उनका मन नहीं लग रहा है। चुनाव आयोग के निर्देशों के चलते वे सफल भी हो सकते हैं, इसकी भी पूरी गुंजाइश है।

* धरती के भगवान को बचाते खाकीधारी         

शहर में इन दिनों दो महिला चिकित्सकों के खिलाफ दर्ज मामलों को लेकर खाकीधारियों की बड़ी किरकिरी हो रही है।

एक महिला डॉक्टर पर आरोप है कि उसने एक महिला मरीज को इतनी अधिक बेहोशी की दवा दे दी कि उसे कोमा से होते हुए मौत के मुहं में जाना पड़ गया।

दूसरी महिला चिकित्सक पर आरोप है कि उसने एक नाबालिग दुष्कर्म पीड़ित का गर्भपात करवाकर दुष्कर्म के आरोपी की मदद का प्रयास किया।

अब खाकीधारियों को समझ में नहीं आ रहा कि वे उस भगवान के खिलाफ कैसे सख्त कार्रवाई करे जो उन्हे इच्छा होने पर छप्पर फाड़कर धन लाभ देने की हैसियत रखते हों।

दोनों मामले अलग अलग थानों के है मगर पीड़ितों के समर्थकों के आरोप एक जैसे हैं कि आरोपी महिला चिकित्सक के परिजन मामलों को कमजोर करने के लिये खाकीधारियों की तिजोरियां भर रहे हैं।

टाइगर तक मामला पहुंचा हुआ है और आश्वासन भी दिया जा चुका है कि निष्पक्ष कार्रवाई होगी मगर लोगों को चिकित्सक के रूप में एक खादीधारी की बाजीगरी पर अधिक भरोसा है।

वे मानते हैं कि बाजीगर चिकित्सक ऐसे मामलों में फंसे हुए डॉक्टरों की भली प्रकार मदद कर उनको राहत दिलाता आया है। बहरहाल खाकी की परीक्षा जारी है। देखते हैं क्या परिणाम आता है।