राजस्‍थान में चौपट हुई शिक्षा व्‍यवस्‍था, 78 हजार पद खाली

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बीकानेर (श्याम शर्मा) राजस्‍थान सरकार बेरोजगारों को नौकरी देने के लिए कई बार घोषणाएं कर चुकी है लेकिन पदों की भर्तियों का काम ही इतना उलझा हुआ है कि लगभग सभी विभागों में खाली पदों की संख्या विकराल रूप लेती जा रही है। शिक्षा विभाग अकेले में विभिन्न वर्गों के 78 हजार से  अधिक पद खाली पड़े हैं लेकिन भर्तियों का कोई पता नहीं है।

शिक्षा विभाग पर प्रदेश की भावी पीढ़ी तैयार करने का जिम्मा है लेकिन यहां पढ़ाने वालों की ही भारी कमी चल रही है। इस वजह से कई स्कूलों में पढ़ाई चौपट हो रही है। इस लापरवाही के कारण प्रदेश में शिक्षा माफिया ने पूरी शिक्षा व्यवस्था को जकड़ रखा है। विभाग के जून माह के ताजा आंकड़े बताते हैं कि शिक्षा व्यवस्था संभालने के लिए जिस विभाग का गठन किया गया था उसमें 50 हजार से अधिक तो विभिन्न वर्गों के शिक्षकों के पद खाली हैं। इससे शिक्षा विभाग अपने उद्देश्य में ही पिछड़ रहा है।

विभाग में सबसे अधिक तृतीय और द्वितीय श्रेणी के अध्यापकों के पद खाली चल रहे हैं। सबसे अधिक 16635 पद तृतीय श्रेणी (लेवल 2) के पद खाली है जबकि तृतीय श्रेणी  (लेवल 3) के 5074 पद खाली हैं। वरिष्ठ अध्यापक सेकंड ग्रेड के पद 15798 खाली है। इसी तरह स्कूल व्याख्याताओं (शिक्षा) के भी 10616 पद रिक्त है।

बच्चों के खेलकूद की गतिविधियों का संचालन करने वाले शारीरिक शिक्षकों के 1583 पद खाली चल रहे हैं जिनमें शारीरिक शिक्षक श्रेणी सेकंड के 454 और श्रेणी तृतीय के 1139 पद खाली हैं। शारीरिक शिक्षक ग्रेड फर्स्ट के 211 पद खाली चल रहे हें।

हैरत की बात यह है कि शाला प्रबंधन संभालने वाले प्रधानाचार्यों और प्रधानाध्यापकों के 18 सौ से अधिक पद खाली चल रहे हैं। इनमें से 956 पद प्रधानाचार्यों के खाली हैं तो 949 पद प्रधानाध्यापकों के समकक्ष खाली हैं। अधिकारियों में से अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी के 80 में से आठ पद खाली है।

इसी तरह पुस्कालय अध्यक्ष श्रेणी प्रथम के 38 पद और श्रेणी द्वितीय के 640 और श्रेणी तृतीय के 840 पद भरने की जरूरत है। यही नहीं स्कूलों में 22 सौँ से अधिक प्रयोगशाला सहायकों की जरूरत है। इनमें वरिष्ठ प्रयोगशाला सहायक 223 और प्रयोगशाला सहायक श्रेणी तृतीय के 2015 पद भरने की जरूरत है।

शिक्षा विभाग में 13459 पद चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के खाली चल रहे हें वहीं कनिष्ठ और वरिष्ठ सहायकों के भी 8 हजार से अधिक पद भरने की जरूरत है। वरिष्ठ सहायकों के 1179 और कनिष्ठ सहायकों के 6815 पद खाली चल रहे हें।