बीकानेर पश्चिम से मजबूत दावेदार हैं भाजपा नेता रामकिशन आचार्य  

ramkishan acharya devisingh bhati
ramkishan acharya devisingh bhati

जयपुर ( विशेष संवाददाता)। बीकानेर पश्चिम से मजबूत दावेदार हैं भाजपा नेता रामकिशन आचार्य,राजस्थान में जैसे-जैसे चुनाव की तारीख नज़दीक आती जा रही है वैसे वैसे दोनों राजनीतिक दलों के टिकट के दावेदारों की सक्रियता बढ़ती जा रही है।

भारतीय जनता पार्टी में मौजूदा विधायक गोपाल जोशी के चुनाव ना लड़ने की चर्चा के बीच भाजपा में कई नए नाम सशक्त दावेदार के रूप में उभरे हैं। पार्टी की रणकपुर में हुई बैठक के बाद से पूर्व शहर भाजपा अध्यक्ष रामकिशन आचार्य का नाम पार्टी के आला नेताओ व जनता की जुबान पर है ।

जानकार सूत्रों ने बताया कि आचार्य के लिए पूर्व मंत्री देवीसिंह भाटी व बीकानेर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र के सक्रिय पार्षदों व संघ के वरिष्ठ नेताओं ने जयपुर दिल्ली में आचार्य के नाम की पैरवी की है।

राजनीति के जानकारों का कहना है कि यदि भाजपा आचार्य पर दाव खेलती है तो वे एक मजबूत जिताऊ उम्मीदवार के रूप में कोंग्रेस को कड़ी टक्कर दे सकते हैं। गौरतलब है कि आचार्य पश्चिमी राजस्थान के कद्दावर नेता व पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी के बहुत ही नजदीकी माने जाते हैं।

अब तक पर्दे के पीछे से भाटी के चुनाव संचालन का जिम्मा संभालने वाले पूर्व सरपंच आचार्य इस बार फ्रंट पर आकर लड़ने के मानस में है।

सफल चुनाव संचालक व रणनीतिकार के रूप में पार्टी आचार्य के नाम पर गंभीरता से विचार कर रही है। भाटी के निकट रहते हुए राजनीति के चतुर सुझान आचार्य ने अपने वोट बैंक पर हमेशा ही नजर रखी है।

आचार्य ने अपने रसूख का उपयोग करते हुए बीकानेर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में सर्वाधिक संख्या में रहने वाले पुष्करणा जाति के वोटों को ध्यान में रखकर पुष्करणा भवन व पुष्करणा छात्रावास के लिए जमीन अलॉट करवाने में अग्रणी भूमिका निभाकर अपने विरोधियों के बोलने के लिए कोई जगह नहीं छोड़ी है।

इसके अलावा विभिन्न धार्मिक व सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने वाले आचार्य अन्य दूसरी जातियों व समाजों में उतनी ही दखल रखते हैं।

सामाजिक न्याय मंच के आंदोलन के अग्रणी पंक्ति के नेताओ में से एक आचार्य मूल ओबीसी जातियों पर गहरी पकड़ रखते है।

परिसीमन के बाद नए जुड़े वार्ड जहां अन्य प्रत्याशियों के लिए सर दर्द हो सकते हैं लेकिन आचार्य इन्ही वार्डों के मतदाताओं के माध्यम से अपनी चुनावी वैतरणी पार लगा सकते हैं।

उल्लेखनीय है कि यह सभी वार्ड पहले कोलायत विधानसभा क्षेत्र के तहत आते थे  जो अब  बीकानेर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में है। इसके अलावा माहेश्वरी ओसवाल व अन्य वैश्य जातियों में उनके व्यक्तिगत संबंध  चुनाव पर गहरा असर डाल सकते हैं। विकास के मॉडल के रूप में धरणीधर मंदिर का जीर्णोद्धार व खेल मैदान का निर्माण का काम बीकानेर पश्चिम की जनता की जुबान पर है।

विगत निगम चुनाव में अपने पुत्र वर्तमान में उप महापौर अशोक आचार्य को पार्षद का चुनाव सर्वाधिक वोटों से जीता कर प्रदेश भाजपा के नेताओ का ध्यान अपनी और खींच चुके हैं।

राजनीति के पंडितों का कहना है स्वच्छ छवि व प्रशासन को साधने की कला जो इनके  जो इनके पास है वह कला बीकानेर भाजपा में शायद अन्य किसी नेता के पास नहीं है।

बहरहाल टिकट की दौड़ में आचार्य के अलावा कई नाम हवा  में तैर रहे है लेकिन वर्तमान विधायक गोपाल जोशी के अलावा अन्य किसी दावेदार के पास आचार्य जितना राजनैतिक अनुभव नही है।

भाजपा का आला कमान किस नाम पर अपनी सहमति देता है यह तो भविष्य के गर्भ में है लेकिन शहर में अलग अलग उम्मीदवार को लेकर हार जीत के गणित की एक्सरसाइज में  जुटे लोग आचार्य के नाम पर गम्भीरता से मंथन कर रहे है।