ए भाई जरा देख के चलो…

PANCHNAMA - USHAJOSHI DAINIK NAVJYOTI BIKANER - Copy
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पंचनामा : उषा जोशी

* ए भाई जरा देख के चलो…

ए भाई जरा देख के चलो…, जांगळ देश में सबको सही रास्ता दिखाने वाले खाकी महकमे की शांति महकमे के ही दूसरे खाकीधारियों को रास नहीं आ रही है। भारी इंकम कमाने वाला माने जाने वाले इस महमकमे के आलाधिकारी व अन्य स्टाफ के बीच की टयूनिंग से कई खाकीधारी हैरान परेशान हो रहे हैं।

कहने वाले कहते हैं कि लोगों को रास्ता दिखाने वाले इस महकमे को जब से बड़ा अधिकारी मिला तब से ही यहां के बड़े व छोटे अधिकारी में  उपरी कमाई को लेकर आपसी झंझट सार्वजनिक चर्चा का विषय बना मगर इन दिनों इस महकमे के बड़े-छोटे अधिकारी की आपसी खींचातानी नहीं बल्कि टयूनिंग लोगों को परेशान कर रही है।

कुछ को यह टयूनिंग नहीं मजबूरी भी लगती है। कुछ मीडिया मित्र खाकीधारियों की माने तो दोनों बड़े छोटे अधिकारी जांगळ प्रदेश की रग रग से वाकिफ है। पहले भी यहां पर कई थानों में तैनात रह चुके हैं। ऐसे में समझते हैं कि सब कुछ शांति से होता रहे इसी में सबकी भलाई है।

बहरहाल कोशिश की कि कुछ पता चले मगर लोगों को रास्ता दिखाने वाले इस महकमे में ऐसा नहीं लगा कि यह कोई तुफान से पहले वाली शांति हो। आगे देखते हैं क्या रंग दिखाती है खाकी।

* चोर मचाये शोर

जांगळ देश के एक इलाके में लगता है चोरों ने अपना स्थाई अड्डा ही बना लिया है। आये दिन चोरी की घटनाओं से लोग भले ही परेशान हो गए हो मगर लगता है खाकीधारी किसी और ही काम में व्यस्त हैं।

लोग कहने लगे हैं कि शहर में पुलिस ने चोरों को निशाना नहीं बनाया है बल्कि इस बार तो ऐसा लग रहा है कि चोरों व अपराधियों ने पुलिस को अपना टारगेट बना लिया है कि जी हम तो क्षेत्र में आये दिन धमा चौकड़ी करेंगे तुमको जो करना हो कर लो।

शहर में नयाशरह क्षेत्र में लगातार चोरी हो रही है। लाखों रुपये के नकदी व जेवरात ले गए चोर, मामले दर्ज हो रहे हैं। पुलिस को पता नहीं चल पा रहा है कि कौन वारदात कर रहा है। पहुंचे हुए लोगों का कहना है कि शायद खाकीधारियों के बटुए चेक करें तो पता चल सकता है कि कौन किससे कितनी और कब कब बंधी ले रहा है, ये सब करवाने के लिये।

लोगों का क्या, लोगों का काम है कहना, छोड़ो बेकार की बाते। जागते रहो।

* पता कर लो आया क्या बदलावा

लो जी अब तो परिवाद भी ऑन लाइन कर दिया। थाने में एफआईआर दर्ज ना हो तो टाइगर के ऑफिस में मामला दर्ज करा सकते हो। कई नए बदलाव कर दिये। अजी आप तो कलमकार हो, यह स्टडी करो की ये सब बदलाव करने के बाद भी लोगों के जीवन में कोई चेंज आया कि नहीं, महकमे के बर्ताव में कोई चेंज आया कि नहीं।

यह एक खाकीधारीजी की सलाह ऐसी है कि देखलो जी कुछ भी कर लो हम तो वैसे के वैसे रहेंगे। सवाल पूछने पर खाकीधारी जी कहते है आजकल तो सब कुछ ऑन लाइन है। कहां दिक्कत है। बचा ही क्या है बताने को। सब दमादम होता है मुकदमा व एफआईआर। ऑन लाइन पताकरो जो करना है।